कैंसर के इलाज में नई उम्मीद: इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी दवाओं का उभरता हुआ क्षेत्र

कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी (आईओ) दवाएं, यानी कैंसर की इम्यून चिकित्सा, अगले पांच वर्षों में चिकित्सा क्षेत्र में सबसे बड़ा इनोवेशन साबित हो सकती हैं। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में ग्लोबलडाटा ने इस क्षेत्र की संभावनाओं को उजागर किया है। यह रिपोर्ट 128 फार्मा उद्योग के पेशेवरों के सर्वे पर आधारित है, जो इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी के तेजी से बढ़ते प्रभाव और इसके भविष्य को लेकर आशावादी हैं।

कैंसर के इलाज में बदलाव की नई दिशा
रिपोर्ट के अनुसार, इम्यूनोथेरेपी के क्षेत्र में हो रही प्रगति कैंसर के इलाज के पारंपरिक तरीकों को पूरी तरह बदलने वाली है। चेकपॉइंट इनहिबिटर, सीएआर-टी सेल थेरेपी और कैंसर वैक्सीन जैसी नई तकनीकों की भूमिका इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण रहेगी। इन दवाओं की मदद से कैंसर की कोशिकाओं को शरीर की इम्यून प्रणाली पहचानकर खत्म कर सकेगी, जिससे रोगियों को अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत उपचार मिल सकेगा।

अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत उपचार
ग्लोबलडाटा के हेल्थकेयर डिवीजन के वरिष्ठ निदेशक उर्टे जैकीमाविसियुटे ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आने वाले समय में इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी दवाएं “अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत” होंगी, जो कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं। वह मानते हैं कि कैंसर के इलाज में प्रभावी दवाओं की जरूरत अब पहले से कहीं ज्यादा महसूस हो रही है, और इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कैंसर के विभिन्न प्रकारों में प्रभावी उपचार की जरूरत
जैकीमाविसियुटे के अनुसार, कैंसर के इलाज के लिए नए तरीके लगातार विकसित हो रहे हैं क्योंकि अभी भी कई प्रकार के कैंसर में प्रभावी उपचार की कमी है। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है और वर्तमान उपचार विधियों में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

मोटापा-रोधी दवाएं भी एक महत्वपूर्ण नवाचार
इसके अलावा, मोटापा-रोधी दवाएं भी इस रिपोर्ट में एक प्रमुख नवाचार क्षेत्र के रूप में उभरकर सामने आई हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट जैसी दवाएं फार्मा उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बन रही हैं। ये दवाएं वैश्विक स्वास्थ्य संकट के समाधान के रूप में उभर रही हैं और इसके बाजार में वृद्धि हो रही है।

कैंसर के बढ़ते मामले और इलाज की जरूरत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, 2022 में दुनिया भर में लगभग 2 करोड़ नए कैंसर के मामले सामने आए थे, जिनमें करीब 97 लाख लोगों की मौतें हुई थीं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि फेफड़े, स्तन और कोलोरेक्टल कैंसर के सबसे अधिक मामले हैं और यही सबसे अधिक मौतों का कारण बने हैं। यह आंकड़े 85 देशों और 36 विभिन्न कैंसर प्रकारों पर आधारित हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हर 5 में से 1 व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी कैंसर होता है, और 9 में से 1 पुरुष और 12 में से 1 महिला इस बीमारी से मरते हैं।

नए उपचार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
कैंसर के इलाज के क्षेत्र में हो रही इनोवेशन से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में कैंसर के मरीजों को बेहतर और अधिक प्रभावी इलाज मिलेगा। इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी जैसे क्षेत्र में हो रही प्रगति से यह उम्मीद भी की जा रही है कि कैंसर से जूझ रहे लाखों लोग जल्द ही राहत पा सकेंगे।

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