इंजन बंद, ईंधन कट – एयर इंडिया फ्लाइट 171 की दुखद कहानी

नई दिल्ली:
12 जून को एक दर्दनाक हादसे में एयर इंडिया की फ्लाइट 171 ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दोपहर 1:39 बजे लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरी थी। यह विमान एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था। लेकिन उड़ान भरने के मात्र 32 सेकंड के भीतर ही विमान मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गया। इस भयावह दुर्घटना में 242 में से 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई, साथ ही ज़मीन पर मौजूद 19 लोग भी मारे गए।

इस दुखद हादसे में केवल एक व्यक्ति जीवित बचा – एक ब्रिटिश-भारतीय नागरिक जो विमान की सीट 11A पर बैठे थे। यह बोइंग 787 के इतिहास में 2011 से इसकी कमर्शियल सेवा की शुरुआत के बाद पहला बड़ा और घातक हादसा है।

AAIB की जांच रिपोर्ट में क्या सामने आया?
हादसे के बाद विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की, जिसमें कई चौंकाने वाली जानकारियाँ सामने आईं। रिपोर्ट के अनुसार, टेक-ऑफ सामान्य था और उड़ान ने 153 नॉट (लगभग 283 किमी/घंटा) की गति से उड़ान भरी। अधिकतम गति 180 नॉट (लगभग 333 किमी/घंटा) दर्ज की गई और विमान सामान्य रूप से ऊँचाई पर चढ़ रहा था। टेक-ऑफ के दौरान फ्लैप की सेटिंग 5 डिग्री थी और लैंडिंग गियर लीवर ‘डाउन’ स्थिति में था – ये दोनों ही सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा हैं।

कहीं कुछ तो गलत हुआ…
हालांकि इन तकनीकी डेटा के बावजूद, AAIB की रिपोर्ट ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब विमान सामान्य रूप से उड़ान भर रहा था, तो वह अचानक दुर्घटनाग्रस्त कैसे हो गया?

रिपोर्ट में बताया गया कि टेकऑफ के कुछ ही क्षणों बाद विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए और साथ ही फ्यूल सप्लाई (ईंधन आपूर्ति) भी कट गई। इस वजह से विमान का पावर सपोर्ट पूरी तरह खत्म हो गया और वह नियंत्रण खो बैठा। यह एक अत्यंत असामान्य स्थिति थी क्योंकि इस तरह के दोहरे इंजन फेलियर की संभावना बेहद कम होती है।

क्या यह तकनीकी गड़बड़ी थी या मानवीय भूल?
AAIB फिलहाल यह निष्कर्ष निकालने की स्थिति में नहीं है कि ईंधन की आपूर्ति कैसे कट गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि या तो किसी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ऐसा हुआ, या फिर यह किसी मानवीय त्रुटि का परिणाम हो सकता है। साथ ही, इस बात की भी जांच हो रही है कि क्या किसी बाहरी साइबर हमले या सॉफ्टवेयर मैनिपुलेशन की वजह से यह दुर्घटना हुई।

एकमात्र जीवित यात्री की गवाही
11A पर बैठे एकमात्र जीवित यात्री ने बताया कि टेकऑफ के बाद हल्का झटका महसूस हुआ और फिर अचानक विमान नीचे गिरने लगा। सब कुछ कुछ ही सेकंड में हुआ। “ऐसा लगा जैसे इंजन की आवाज बंद हो गई हो,” उन्होंने बताया। उनके अनुसार, उन्हें सीट बेल्ट के कारण कुछ गंभीर चोटों से बचाव मिला।

अब आगे क्या?
AAIB और अन्य तकनीकी एजेंसियां अब इस बात की गहराई से जांच कर रही हैं कि उड़ान के दौरान इंजन कैसे बंद हुए और ईंधन की सप्लाई कैसे रुकी। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं कोई मेंटेनेंस प्रोटोकॉल का उल्लंघन तो नहीं हुआ था।

यह दुर्घटना भारतीय एविएशन इतिहास के सबसे भयानक हादसों में से एक बन गई है और इससे जुड़े सवालों के जवाब देश और दुनिया जानना चाहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *