कई साल होटल काउंटर पर बैठे, ऐड एजेंसी के बाहर खड़े थे, कद-काठी देख मिला ऑफर; दरवाजा तोड़कर मशहूर हुए CID के ‘इंस्पेक्टर दया’
CID के ‘इंस्पेक्टर दया’ का नाम सुनते ही जो पहली छवि दिमाग में आती है, वह है—दरवाजा तोड़ते हुए एक मजबूत पुलिस अधिकारी की। शायद ही किसी और टेलीविजन किरदार ने इतनी बार दरवाजे तोड़े होंगे, जितनी बार दयानंद शेट्टी उर्फ ‘इंस्पेक्टर दया’ ने। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक्टिंग में आने से पहले वह एक एथलीट थे और होटल काउंटर पर बैठा करते थे?

बचपन से ही लंबी कद-काठी, क्लास में पीछे बैठते थे
दयानंद शेट्टी बचपन से ही अपनी उम्र के बच्चों की तुलना में बड़े दिखते थे। स्कूल में उनकी कद-काठी इतनी ऊंची थी कि जब वे आगे बैठते, तो पीछे के बच्चों को ब्लैकबोर्ड नहीं दिखता। इस वजह से उन्हें हमेशा क्लास के पीछे बैठाया जाता था।
क्राइम की बातें सुनते-सुनते बदला बिहेवियर
क्लास में पीछे बैठने का असर उनके व्यवहार पर भी पड़ा। उनके आस-पास के साथी अक्सर क्राइम की बातें किया करते थे। धीरे-धीरे उनका लहजा भी वैसा ही हो गया। लेकिन जब उन्हें पनिशमेंट के रूप में क्लास के स्कॉलर बच्चों के पास बिठाया गया, तो उनका व्यवहार सुधरने लगा।
स्टेट लेवल डिस्कस थ्रो चैंपियन
शेट्टी पढ़ाई में अच्छे थे, लेकिन उनका झुकाव खेलों की ओर ज्यादा था। उन्होंने डिस्कस थ्रो और शॉटपुट में महारत हासिल की और 1994 में महाराष्ट्र के स्टेट लेवल चैंपियन बने। उनके पिता वेटलिफ्टर थे, लेकिन उन्होंने बेटे को वेटलिफ्टिंग से दूर रहने की सलाह दी, क्योंकि इससे शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ सकता था।
खेल छोड़ होटल काउंटर संभाला
लगातार प्रैक्टिस के कारण दया के घुटनों में दर्द रहने लगा। थ्रो करते समय दर्द इतना ज्यादा होता था कि उनकी आंखों से आंसू निकल आते थे। उन्होंने फैसला किया कि खेल में भविष्य बनाना मुश्किल होगा। इस दौरान उनके पिता भी बीमार रहने लगे, इसलिए उन्होंने कुछ समय तक होटल बिजनेस संभाला।
ऐड एजेंसी के बाहर खड़े थे, अचानक मिला मॉडलिंग का ऑफर
एक दिन वे अपने दोस्त के साथ ऐड एजेंसी गए, जहां दोस्त को मॉडलिंग का ऑडिशन देना था। लेकिन एजेंसी में बैठे लोगों की नजर दयानंद शेट्टी पर पड़ी। उनकी सुडौल कद-काठी को देखकर उन्हें मॉडलिंग का ऑफर दे दिया गया। कुछ ही घंटों में उनकी तस्वीरें सेलेक्ट कर ली गईं और इस तरह वह मॉडलिंग की दुनिया में आ गए।
स्टेज पर दी आवाज, थिएटर की दुनिया में कदम
एक दिन अपनी कम्युनिटी के एक फंक्शन में उन्होंने स्टेज शो के लिए वॉयसओवर दिया। वहां मौजूद लोगों को उनकी आवाज बहुत पसंद आई और किसी ने उन्हें थिएटर करने की सलाह दे दी। उस समय उनके पास ज्यादा काम नहीं था, इसलिए उन्होंने थिएटर जॉइन कर लिया।
CID में ऐसे मिला मौका
एक बार CID के प्रोडक्शन टीम के संतोष शेट्टी थिएटर में दयानंद शेट्टी का नाटक देखने पहुंचे। उनका परफॉर्मेंस देखकर संतोष शेट्टी काफी प्रभावित हुए और उन्हें CID के लिए ऑडिशन देने के लिए कहा। शुरुआत में दयानंद हिचकिचाए, लेकिन फिर ऑडिशन के लिए तैयार हो गए।
पहले हिंदी सही करने की मिली सलाह
CID के प्रोड्यूसर बीपी सिंह ने उन्हें तीन पेज की स्क्रिप्ट दी। उन्होंने वह डायलॉग रटकर सुना दिए। लेकिन उनकी हिंदी में साउथ इंडियन टोन आ रही थी। बीपी सिंह ने उन्हें हिंदी सुधारने के लिए ‘मनोहर कहानियां’ पढ़ने की सलाह दी। दया ने विनम्रता से कहा कि वह साउथ इंडियन हैं, इसलिए टोन भी वैसी ही होगी।
CID में शुरुआत में नहीं मिला एक्सपोजर
शो के शुरुआती दिनों में दयानंद शेट्टी का रोल बहुत बड़ा नहीं था। वह बैकग्राउंड में खड़े रहते थे और ज्यादा एक्सपोजर नहीं मिलता था। उस समय शो में सीनियर इंस्पेक्टर का किरदार डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर निभा रहे थे। लेकिन जब आशुतोष फिल्म ‘लगान’ बनाने चले गए, तब दयानंद शेट्टी को बड़ा मौका मिला।

एक एपिसोड ने चमकाई किस्मत
बीपी सिंह ने एक खास एपिसोड बनाया, जो पूरी तरह दयानंद शेट्टी के कैरेक्टर पर आधारित था। यह वही समय था जब उनके पिता का देहांत हुआ था और वह काफी इमोशनल थे। इस एपिसोड के टेलीकास्ट होते ही वह दर्शकों के बीच लोकप्रिय हो गए। शो को जबरदस्त TRP मिली और ‘इंस्पेक्टर दया’ CID का मुख्य किरदार बन गए।
दरवाजा तोड़ने से मिली अलग पहचान
CID में ‘दया दरवाजा तोड़ दो’ डायलॉग इतना पॉपुलर हुआ कि यह उनका सिग्नेचर स्टाइल बन गया। रोहित शेट्टी भी उनसे इतने प्रभावित हुए कि ‘सिंघम’ फिल्म में उन्हें पुलिस ऑफिसर के रूप में कास्ट किया और वहां भी दरवाजा तुड़वाया।
चार साल के बच्चे तक को याद है दया का किरदार
CID के पहले सीजन को खत्म हुए कई साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी दयानंद शेट्टी का किरदार लोगों के दिलों में बसा हुआ है। पिछले साल चार साल के एक बच्चे ने जब उन्हें पहचान लिया और बताया कि वह उनका फैन है, तो दयानंद खुद भी हैरान रह गए।
आज दयानंद शेट्टी एक बार फिर CID के नए सीजन में अपने पुराने अवतार में नजर आ रहे हैं। उनका सफर यह बताता है कि सही मौके और मेहनत से कोई भी इंसान अपनी पहचान बना सकता है।