
देश की अग्रणी ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के नतीजे जारी कर दिए हैं। इस दौरान कंपनी की कुल आय में तो वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन शुद्ध मुनाफे में हल्की गिरावट देखने को मिली है। कंपनी ने अपने निवेशकों को खुश करते हुए 135 रुपए प्रति शेयर के लाभांश की घोषणा की है।
कुल कमाई में 7% की वृद्धि
मारुति सुजुकी ने चौथी तिमाही में 42,431 करोड़ रुपए की कुल आय दर्ज की, जो पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 7% अधिक है। पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी की कुल कमाई 39,655 करोड़ रुपए रही थी।
रेवेन्यू 6.37% बढ़ा
कंपनी ने अपने उत्पादों और सेवाओं की बिक्री से इस तिमाही में 40,920 करोड़ रुपए का राजस्व (Revenue) प्राप्त किया। यह पिछले वर्ष की तुलना में 6.37% अधिक है। पिछली चौथी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 38,471 करोड़ रुपए था।
मुनाफे में 1% की मामूली गिरावट
खर्चों (जैसे कच्चा माल, टैक्स, कर्मचारियों की सैलरी आदि) को घटाने के बाद, कंपनी को इस तिमाही में 3,911 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ। यह पिछले साल की समान अवधि में दर्ज 3,952 करोड़ रुपए के मुनाफे से करीब 1% कम है।
135 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड
कंपनी ने अपने शेयरधारकों को 135 रुपए प्रति शेयर का डिविडेंड देने की घोषणा की है। डिविडेंड कंपनी द्वारा अपने मुनाफे का एक हिस्सा होता है, जिसे वह निवेशकों को प्रदान करती है।
गाड़ियों की बिक्री में 3.5% की बढ़त
इस तिमाही में कंपनी ने कुल 6,04,635 गाड़ियां बेचीं, जो किसी भी एक तिमाही में अब तक की सबसे अधिक बिक्री है।
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घरेलू बिक्री: 5,19,546 यूनिट्स (2.8% की वृद्धि)
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निर्यात: 85,089 यूनिट्स (8.1% की वृद्धि) कुल मिलाकर गाड़ियों की बिक्री में 3.5% की बढ़त दर्ज हुई है।
शेयरों में गिरावट, एक साल में 10% की कमी
चौथी तिमाही के नतीजों के बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट देखी गई।
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25 अप्रैल को शेयर 2% गिरकर ₹11,658 पर बंद हुआ।
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पिछले एक साल में शेयर 10% गिरा है।
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इस साल अब तक (जनवरी से अप्रैल) सिर्फ 4% की बढ़ोतरी हुई है।
मारुति सुजुकी: एक झलक इतिहास पर
मारुति सुजुकी की स्थापना 24 फरवरी 1981 को भारत सरकार के अधीन ‘मारुति इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ के रूप में हुई थी। इसके बाद 1982 में जापान की सुजुकी कॉर्पोरेशन के साथ एक संयुक्त उद्यम (Joint Venture) के तहत इसे ‘मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड’ में बदला गया। आज यह देश की सबसे बड़ी पैसेंजर व्हीकल निर्माता कंपनी है।
