पर्वतीय क्षेत्रों में ठण्ड का इजाफा आज से शुरु हो गया है, जिसका प्रतीक एक पुतले के दहन के साथ किया जाता है। साथ ही प्रसाद के रूप में ककड़ी बाटी जाती है।यहाँ बता दे आज से पर्वतीय क्षेत्रों में शरद ऋतु का आगमन शुरू हो गया है। गर्मी से लोगों को राहत मिलनी शुरू हो गयी। लोगों ने गर्म कपड़ों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। ठंडी हवाओं के चलते ठंड में इजाफा हो गया है। लोगों का मानना है कि गर्मी के दौरान कीट पंतग आदि भारी मात्रा में आ जाते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश जोशी ने बताया इस पुतले के दहन से कीट पंतग का नाश हो जाता है।शरद ऋतु में गाँव की महिलाओं द्वारा सब्जियों की खेती पाती होती है जिसमे लोकी, कद्दू, ककड़ी आदि होती है प्रसाद के रूप में ककड़ी बाटी जाती है। अवकाश प्राप्त प्रधानाद्यापिका कमला उप्रेती ने बताया अस्वनी मास की संक्रांति को हर वर्ष यह पर्व बनाया जाता है। मुख्य कारण यह है कि पर्वतीय क्षेत्रों में ही इस पर्व को बनाया जाता है। हर गली मोहल्ले में पुतला बनाया जाता है ।इधर सरोवर नगरी में छोटे छोटे बच्चों में भी उत्साह देखा जा रहा है।