श्रीनगर से कन्याकुमारी तक रेल संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। भारतीय रेलवे के नवनिर्मित ब्रॉड गेज रेल लाइन पर यात्रियों को सुविधा देने की अनुमति मिल गई है। हाल ही में, जनउत्तरी सर्कल के रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) दिनेश चंद देशवाल ने इस परियोजना को हरी झंडी दी है। यह परियोजना उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) का हिस्सा है, जिसे अब पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद अंतिम मंजूरी मिल गई है।

सीआरएस ने अपने निरीक्षण के दौरान सात और आठ जनवरी को इस परियोजना का विस्तृत मूल्यांकन किया और इसके आधार पर रेलवे को मालगाड़ियों और यात्री रेलगाड़ियों को चलाने की अनुमति प्रदान की है। इस निर्णय से न केवल कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा संभव होगी, बल्कि देश के अन्य हिस्सों से भी जुड़ने की सुविधा बढ़ेगी।

इस रेल लाइन की सुविधा से न केवल व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन, रोजगार और आर्थिक विकास की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। यह भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जो देश भर में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में एक कदम है।

“श्रीनगर से कन्याकुमारी तक रेल संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। भारतीय रेलवे के नवनिर्मित ब्रॉड गेज रेल लाइन पर यात्रियों को सुविधा देने की अनुमति मिल गई है। हाल ही में, जनउत्तरी सर्कल के रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) दिनेश चंद देशवाल ने इस परियोजना को हरी झंडी दी है। यह परियोजना उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) का हिस्सा है, जिसे अब पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद अंतिम मंजूरी मिल गई है।

सीआरएस ने अपने निरीक्षण के दौरान सात और आठ जनवरी को इस परियोजना का विस्तृत मूल्यांकन किया और इसके आधार पर रेलवे को मालगाड़ियों और यात्री रेलगाड़ियों को चलाने की अनुमति प्रदान की है। इस निर्णय से न केवल कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा संभव होगी, बल्कि देश के अन्य हिस्सों से भी जुड़ने की सुविधा बढ़ेगी।

इस रेल लाइन की सुविधा से न केवल व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन, रोजगार और आर्थिक विकास की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। यह भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जो देश भर में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में एक कदम है।”

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