राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने समयबद्ध तरीके से दवा और वैक्सीन पहुंचाने के लिए ड्रोन तकनीक का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
टीकाकरण कार्यक्रम के तहत डिप्थीरिया टिटनेस (डीपीटी) और पेंटा की 400 खुराकें ड्रोन से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, उत्तरकाशी में पहुंचाई गईं। सड़क मार्ग से आम तौर पर 5-6 घंटे लगते हैं।
डॉ आर. राजेश कुमार ने यह भी बताया कि इस सफल परीक्षण के बाद माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी आने वाले दिनों में प्रदेश के दूर-दराज इलाकों में ड्रोन के माध्यम से कोविड वैक्सीन पहुंचाने का काम लॉन्च किया जायेगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) की मदद से दवाओं की आपूर्ति की गई।
डॉ आर. राजेश कुमार ने कहा कि राज्य में सड़क मार्ग से दवाइयां या टीके पहुंचाए जाते हैं जिसमें काफी समय लगता है और कई बार आपदा के कारण दवा पहुंचाने में दिक्कत होती है। स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि दवाओं के वितरण में कोई देरी न हो और सभी स्वास्थ्य सुविधाओं और ऐसे स्थानों और नगर पालिकाओं में जहां सड़क सुविधा नहीं है, दवाएं और टीके समय पर उपलब्ध हों। निकट भविष्य में दुर्घटना, आपदा या अन्य किसी विकट स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा दवाइयां और अन्य सामग्री समय पर पहुंचाने में ड्रोन तकनीक मील का पत्थर साबित होगी।