वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में अपने आठवें बजट को पेश करने जा रही हैं। यह उनकी लगातार आठवीं बार पेश किया जाने वाला बजट होगा, जो 11 बजे संसद में वितरित किया जाएगा। इसके पहले, सुबह 8:45 बजे सीतारमण अपने आवास से वित्त मंत्रालय पहुंची थीं, और वहां आधे घंटे रुकने के बाद वह राष्ट्रपति भवन गईं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बजट की कॉपी सौंपी, जो एक महत्वपूर्ण औपचारिकता है, क्योंकि भारतीय संविधान के अनुसार बजट राष्ट्रपति के पास से स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही संसद में प्रस्तुत किया जाता है।

इस बजट का एक खास पहलू यह है कि यह पेपरलेस बजट होगा, जैसा कि पिछले चार बजट और एक अंतरिम बजट में किया गया था। इसका मतलब है कि इस बार वित्त मंत्री किसी भौतिक दस्तावेज का उपयोग नहीं करेंगी, बल्कि बजट को डिजिटल रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। यह एक प्रौद्योगिकीय परिवर्तन है, जो पारदर्शिता और दक्षता में सुधार लाने की दिशा में एक कदम है। वित्त मंत्रालय और संसद में इस डिजिटल बदलाव का उद्देश्य समय की बचत करना और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना है।

इस बजट के दौरान, कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं, जिनमें खास तौर पर टैक्स स्लैब में बदलाव और आम नागरिकों के लिए राहत की घोषणाएँ की जा सकती हैं। वित्त मंत्री के इस बजट में ₹10 लाख तक की आय को टैक्स-फ्री करने का प्रस्ताव हो सकता है, जो नागरिकों को आर्थिक रूप से राहत देने के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है। वर्तमान में ₹7.75 लाख तक की आय टैक्स-फ्री है, और इस सीमा को बढ़ाना आम लोगों को लाभ प्रदान कर सकता है, खासकर मध्यम वर्ग को। इसके अलावा, बजट में नए टैक्स स्लैब का प्रस्ताव भी हो सकता है, जो आयकर प्रणाली को और अधिक समग्र और न्यायसंगत बना सके।

वित्त मंत्री द्वारा पेश किए जाने वाले बजट में सरकार के कर्ज की स्थिति, खर्च और राजस्व को लेकर भी कई अहम बातें सामने आ सकती हैं। खासकर, यह सवाल उठ सकता है कि सरकार अपनी बढ़ती वित्तीय जरूरतों को कैसे पूरा करेगी—क्या वह कर्ज लेगी या फिर टैक्स बढ़ाएगी? यह भी देखा जाएगा कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कैसे व्यय करेगी, जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचा और रक्षा। इसके अलावा, यह भी महत्वपूर्ण होगा कि सरकार किस प्रकार से अर्थव्यवस्था में सुधार करने के लिए कदम उठाएगी, और क्या नए उपायों को लागू किया जाएगा, ताकि विकास की गति बनी रहे।

इस बजट को लेकर आम जनता और उद्योग जगत में उत्सुकता बनी हुई है। उन्हें यह जानने की जिज्ञासा है कि इस बार वित्त मंत्री किन योजनाओं का ऐलान करेंगी, जो उनके रोज़मर्रा के जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। इस बजट का असर सीधे तौर पर रोजगार, बेरोजगारी, निवेश, महंगाई, और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर पड़ सकता है।

सरकार का यह बजट सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं होता, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को दिशा देने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जो देश के नागरिकों के भविष्य को आकार देता है। वित्त मंत्री की यह पेशकश हमेशा राजनीतिक और आर्थिक हलकों में व्यापक चर्चा का विषय बनती है, और देशवासियों को इस पर अपनी उम्मीदें और प्रतिक्रियाएं देने का मौका मिलता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *