छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर सीबीआई ने ताजा छापेमारी की है। इसके अलावा भिलाई विधायक देवेंद्र यादव और पांच आईपीएस अधिकारियों के घरों पर भी सीबीआई ने छापे मारे हैं। यह कार्रवाई महादेव सट्टा ऐप मामले में की गई है। जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की 10 से अधिक टीमें 26 मार्च की तड़के रायपुर से निकली थीं और सबसे पहले भूपेश बघेल के घर पहुंची। इसके बाद, बाकी की टीमें भूपेश बघेल के भिलाई स्थित घर, विधायक देवेंद्र यादव के घर, आईपीएस अभिषेक पल्लव, एएसपी संजय ध्रुव, एएसपी आरिफ शेख, आनंद छाबड़ा, प्रशांत अग्रवाल और दो सिपाही नकुल-सहदेव के घर पहुंचीं।

सीबीआई की छापेमारी और विरोध
सीबीआई के छापे के दौरान भिलाई में देवेंद्र यादव की मां ने सीबीआई की कार्रवाई का विरोध किया। उन्होंने करीब एक घंटे तक टीम को अंदर जाने नहीं दिया। बाद में सीबीआई की टीम ने उन्हें समझाइश दी, जिसके बाद कार्रवाई को जारी रखा गया। वहीं, देवेंद्र यादव दिल्ली में गए हुए थे, जब यह छापेमारी की गई थी।
भूपेश बघेल के घर पहले ED की रेड
भूपेश बघेल के घर होली से पहले भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा छापेमारी की गई थी। यह छापेमारी करीब 10 घंटे तक चली थी। भूपेश बघेल ने खुद इस छापेमारी के बाद कहा था कि उनकी टीम ने 32-33 लाख रुपये और कुछ दस्तावेज़ ले लिए हैं, जिसमें मंतूराम केस की पेनड्राइव भी शामिल है। इसके अलावा, इस छापेमारी के दौरान तीन हजार से अधिक बैंक खातों को फ्रीज किया गया था।
महादेव सट्टा ऐप और छत्तीसगढ़ में चल रही जांच
महादेव सट्टा ऐप मामले में छत्तीसगढ़ में 70 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 300 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। साथ ही 3,000 से ज्यादा संदिग्ध बैंक खातों की पहचान की गई है, जिनमें करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ था। इन खातों को ब्लॉक किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में इस मामले की पहली एफआईआर 31 मार्च 2022 को मोहन नगर थाना में दर्ज की गई थी। इसके बाद जांच के दौरान सट्टा ऐप से जुड़े कई बड़े नामों का खुलासा हुआ।
महादेव सट्टा का किंग सौरभ चंद्राकर
पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि भिलाई में जूस सेंटर चलाने वाला सौरभ चंद्राकर महादेव सट्टा का किंगpin है। वह अपने दोस्त रवि उप्पल और कारोबारी अनिल अग्रवाल के साथ मिलकर दुबई से ऑनलाइन सट्टा चला रहा था। इस सट्टा कारोबार में कई सराफा, सरिया और कपड़ा कारोबारियों का पैसा भी शामिल था।
महादेव सट्टा का विस्तार
महादेव सट्टा ऐप के जरिए ऑनलाइन सट्टा कारोबार भारत के विभिन्न हिस्सों में फैल चुका था। इसमें छत्तीसगढ़ के कई जिलों के लोग शामिल थे, जिनमें व्यापारी, छोटे कारोबारी और आम लोग भी शामिल थे। यह ऐप छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यो में बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो गया था। ऐप के माध्यम से लोग क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य खेलों पर सट्टा लगा रहे थे, जिससे इसके संचालकों को भारी लाभ हो रहा था।
छत्तीसगढ़ में सट्टा कारोबार का नेटवर्क
पुलिस की जांच के अनुसार, सट्टा कारोबार के नेटवर्क में कई छोटे-बड़े खिलाड़ी शामिल थे। इसकी पहचान करने के बाद पुलिस ने इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए कई कार्रवाइयां की हैं। महादेव सट्टा ऐप के जरिए विदेशों से भी पैसा आ रहा था, जो कि पूरे कारोबार को बढ़ावा दे रहा था। इन ऐप्स के जरिए जुड़े लोग बड़ी रकम को दांव पर लगा रहे थे और सरकार के लिए यह एक गंभीर चुनौती बन गया था।
छत्तीसगढ़ पुलिस की सक्रियता

छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस सट्टा नेटवर्क को तोड़ने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। पुलिस ने सट्टा से जुड़ी बड़ी राशि को ट्रैक किया और उन बैंक खातों को फ्रीज किया जिनमें बड़ी रकम का लेन-देन हो रहा था। इसके अलावा, पुलिस ने सट्टा कारोबार से जुड़े कई बड़े नामों को गिरफ्तार किया और इस मामले में जांच को आगे बढ़ाया है।
सीबीआई और ED की जांच
सीबीआई और ED दोनों ही एजेंसियां महादेव सट्टा ऐप मामले में सक्रिय रूप से जांच कर रही हैं। सीबीआई का मानना है कि इस सट्टा कारोबार में राज्य के कई बड़े अधिकारी और नेता शामिल हैं। सीबीआई ने अब तक कई बड़े नामों पर कार्रवाई की है और आगे भी इस मामले में और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।
निष्कर्ष
महादेव सट्टा ऐप मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य बड़े नेताओं और अधिकारियों के घरों पर सीबीआई की छापेमारी ने इस पूरे मामले को नई दिशा दी है। इस छापेमारी से साफ है कि छत्तीसगढ़ में चल रहे सट्टा कारोबार के तार बहुत दूर तक फैले हुए हैं और इसकी जांच में और बड़ी गिरफ्तारी की उम्मीद की जा रही है। इस मामले में जो भी तथ्य सामने आएंगे, वह राज्य की राजनीति और प्रशासन पर बड़ा असर डाल सकते हैं।