9 अप्रैल 2025 को वैश्विक शेयर बाजारों ने जबरदस्त तेजी दिखाई, जिसका प्रमुख कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लिया गया बड़ा आर्थिक फैसला रहा। ट्रम्प ने चीन को छोड़कर अन्य सभी देशों पर लगाए जाने वाले रेसिप्रोकल टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित करने की घोषणा की, जिससे निवेशकों के बीच विश्वास बढ़ा और बाजारों में खरीदारी का जोर देखने को मिला।
अमेरिकी बाजारों में आई ऐतिहासिक तेजी
अमेरिका के तीनों प्रमुख बाजारों—डॉउ जोन्स, S&P 500, और नैस्डैक—ने भारी उछाल दर्ज किया।

- डॉउ जोन्स 2,962 अंकों की तेजी के साथ 40,608 पर बंद हुआ, जो मार्च 2020 के बाद का सबसे बड़ा सिंगल डे गेन है।
- S&P 500 इंडेक्स 9.52% चढ़कर 5,456.90 पर पहुंच गया, जो 2008 के बाद सबसे बड़ी एकदिनी छलांग है।
- वहीं टेक स्टॉक्स से भरे नैस्डैक कंपोजिट में 12.16% की तेजी आई और यह 17,124 के स्तर पर पहुंच गया। यह जनवरी 2001 के बाद इस इंडेक्स की सबसे बड़ी बढ़त मानी जा रही है।
इस दिन करीब 30 बिलियन शेयरों का कारोबार हुआ, जो वॉल स्ट्रीट के इतिहास का सबसे अधिक ट्रेडिंग वॉल्यूम है। यह दर्शाता है कि निवेशकों ने इस पॉजिटिव सेंटिमेंट का भरपूर फायदा उठाया।
एशियाई बाजारों में भी दिखा बड़ा उछाल
अमेरिकी बाजारों की इस रैली का असर एशियाई बाजारों में भी साफ नजर आया।
- जापान का निक्केई इंडेक्स 2,660 अंक (8.39%) की तेजी के साथ 34,370 पर पहुंच गया।
- कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 110 पॉइंट (4.70%) चढ़कर 2,400 पर बंद हुआ।
- ताइवान का TAIEX इंडेक्स 620 पॉइंट (9.35%) बढ़कर 19,020 के स्तर पर पहुंचा।
- भारतीय निवेशकों के लिए संकेत देने वाला गिफ्ट निफ्टी भी लगभग 800 अंक ऊपर ट्रेड कर रहा था, हालांकि भारत में महावीर जयंती की छुट्टी होने के कारण स्टॉक मार्केट बंद रहा।
गिरावट के बाद आई राहत
यह तेजी ऐसे समय पर आई है जब अमेरिकी बाजार लगातार चार कारोबारी सत्रों से गिरावट में थे।
8 अप्रैल को डॉउ जोन्स 320 अंक गिरकर 37,645 पर बंद हुआ था, जबकि S&P 500 में 1.57% और नैस्डैक में 2.15% की गिरावट देखी गई थी। बीते चार दिनों में डॉउ जोन्स में 11% से अधिक की गिरावट आ चुकी थी, जिसे इस एक दिन की तेजी ने काफी हद तक रिकवर कर लिया।
क्या है आगे की उम्मीद?
विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति का यह निर्णय वैश्विक व्यापार तनाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। इस कदम से व्यापारिक संबंधों में स्थिरता आने की संभावना है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। यदि टैरिफ स्थगन के इस फैसले को आगे भी जारी रखा गया, तो यह वैश्विक आर्थिक सुधार में एक मजबूत सहारा बन सकता है।
निष्कर्ष

ट्रेड टैरिफ पर टालमटोल के इस कदम से जहां अमेरिकी बाजारों को राहत मिली, वहीं पूरी दुनिया के बाजारों ने इसका स्वागत किया। निवेशकों के उत्साह और तेज़ वॉल्यूम के चलते यह दिन वित्तीय बाजारों के इतिहास में लंबे समय तक याद किया जाएगा। अब सबकी नजरें इस पर हैं कि क्या यह तेजी बरकरार रहती है या फिर यह सिर्फ एक तकनीकी उछाल है।