आज भारतीय ग्रामोत्थान संस्था द्वारा आयोजित एक दिवसीय जूट कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होना मेरे लिए अत्यंत गर्व का विषय रहा। यह कार्यशाला महिलाओं को जूट, भीमल और अन्य प्राकृतिक रेशों से उत्पाद निर्माण में प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है।
भारतीय ग्रामोत्थान संस्था द्वारा पिछले 32 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को हस्तशिल्प एवं हथकरघा आधारित स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इस कार्यशाला में महिलाओं ने स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर उत्पाद निर्माण की बारीकियाँ सीखी, जिससे उन्हें न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होने का अवसर मिला, बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे राष्ट्रीय अभियानों को भी गति मिली।

माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड राज्य तेजी से विकास के नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। धामी जी की दूरदर्शी नीतियों और जनकल्याणकारी योजनाओं के कारण आज हमारा राज्य आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तिकरण और लोककलाओं के संवर्धन में पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर उभर रहा है।

मैं भारतीय ग्रामोत्थान संस्था के इस सराहनीय प्रयास के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ और विश्वास करता हूँ कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएंगे, बल्कि स्थानीय प्रतिभा को भी वैश्विक मंच प्रदान कर पाएंगे।