अब तक देश में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल थी। लेकिन अब सरकार इसे बढ़ाकर 21 साल करेगी। इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने बुधवार 15 दिसंबर को कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार मौजूदा कानूनों में संशोधन के लिए संसद में एक प्रस्ताव पेश करेगी। इसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को लाल किले से अपने संबोधन में किया था।
शादी से जुड़े कानूनों में संशोधन करेगी सरकार
सरकार इस कानून को लागू करने के लिए मौजूदा कानून में संशोधन करने जा रही है। बता दें कि यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को लाल किले से अपने संबोधन में कही थी। उन्होंने कहा था कि कुपोषण से बचने के लिए जरूरी है कि बेटियों की शादी सही समय पर हो।
मौजूदा कानून के मुताबिक देश में पुरुषों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल और महिलाओं की न्यूनतम उम्र 18 साल है. सरकार अब बाल विवाह निषेध अधिनियम और हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करने जा रही है। जया जेटली की अध्यक्षता वाली समिति ने नीति आयोग में इस संबंध में सिफारिश की थी। नीति आयोग के डॉ. वीके पॉल भी इस समिति के सदस्य थे। टास्क फोर्स का गठन जून 2020 में किया गया था। इस कमेटी ने दिसंबर 2020 में कमेटी की रिपोर्ट सौंपी। टास्क फोर्स ने कहा कि, ‘पहले बच्चे को जन्म देते समय बेटियों की उम्र 21 साल होनी चाहिए। वहीं, विवाह में देरी का परिवारों, महिलाओं, बच्चों और समाज के आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।