कल की प्रमुख खबरों में से एक थी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (Q3FY25) के परिणामों की घोषणा। गुरुवार, 9 जनवरी को जारी किए गए परिणामों के मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में TCS का कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट तिमाही आधार पर लगभग 3.95% बढ़कर 12,380 करोड़ रुपए रहा। इसके अलावा, कंपनी ने 10 रुपए प्रति शेयर का लाभांश भी देने का ऐलान किया है। यह वित्तीय सफलता कंपनी की स्थिर वृद्धि को दर्शाती है, जो टेक उद्योग में इसके मजबूत प्रदर्शन को पुष्ट करती है।
वहीं, दूसरी ओर लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन, एसएन सुब्रह्मण्यन ने अपने कर्मचारियों के साथ ऑनलाइन बैठक में एक असामान्य सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को एक सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए और यदि जरूरत पड़े तो रविवार को भी काम करने को तैयार रहना चाहिए। उनका यह बयान कार्य-जीवन संतुलन को लेकर विवादों का कारण बना है। सोशल मीडिया पर इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं हैं, क्योंकि यह सुझाव कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है।
इस बीच, शेयर बाजार में भी शुक्रवार को गिरावट की संभावना जताई गई है। निवेशकों का रुझान अभी सतर्क नजर आ रहा है, जो वैश्विक आर्थिक हालात और अन्य आर्थिक सूचकांकों पर आधारित है। वहीं, स्मार्टफोन बाजार में रेडमी नोट 14 सीरीज के लॉन्च के साथ नई प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। इन सभी घटनाओं के साथ-साथ पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जिससे यह भी एक स्थिर मोड में चल रही स्थिति को दर्शाता है।
TCS और L&T जैसी बड़ी कंपनियों के इन कदमों से यह स्पष्ट होता है कि बाजार में लगातार सुधार हो रहा है, लेकिन कार्य-संबंधी दबाव भी कुछ सवाल खड़े करता है। इस प्रकार की खबरें निवेशकों, कर्मचारियों और आम जनता के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो न केवल आर्थिक विकास बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करती हैं।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) की हाल की घटनाओं ने उद्योग और आम जनता दोनों का ध्यान आकर्षित किया है। TCS ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के परिणाम जारी किए हैं, जिसमें कंपनी ने 12,380 करोड़ रुपए का शानदार मुनाफा दर्ज किया है। यह वृद्धि तिमाही आधार पर लगभग 3.95% अधिक है, जो TCS की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है। साथ ही, कंपनी ने 10 रुपए प्रति शेयर का लाभांश देने का ऐलान भी किया है, जो निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
वहीं, दूसरी ओर, L&T के चेयरमैन, एसएन सुब्रह्मण्यन ने एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने अपने कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यदि संभव हो तो कंपनी रविवार को भी कर्मचारियों से काम ले सकती है। यह बयान कार्य-जीवन संतुलन के मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। कर्मचारियों की ओर से इस बयान की आलोचना की जा रही है, क्योंकि यह अत्यधिक काम के बोझ के संभावित प्रभाव पर सवाल खड़ा करता है।
इन दोनों घटनाओं ने एक साथ काम और निवेश के परिदृश्य में कई संभावित बदलावों की ओर इशारा किया है। जहां TCS का मजबूत वित्तीय प्रदर्शन उद्योग में उसकी अग्रणी स्थिति को बनाए रखने की ओर इशारा करता है, वहीं L&T के चेयरमैन के बयान ने कार्य संस्कृति और कर्मचारियों के अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
इसके अतिरिक्त, शेयर बाजार में भी हाल ही में कुछ अनिश्चितता देखी गई है। निवेशक सतर्क दिखाई दे रहे हैं, जो वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और आंतरिक उद्योग परिदृश्यों से प्रभावित हैं।
इस प्रकार, TCS और L&T की घटनाएं न केवल उनके स्वयं के प्रदर्शन की ओर इशारा करती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि कंपनियां भविष्य की ओर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। वहीं, एसएन सुब्रह्मण्यन के बयान ने कार्यस्थल की संस्कृति और कर्मचारियों के अधिकारों को लेकर नए सवाल खड़े किए हैं, जो आने वाले समय में महत्वपूर्ण मुद्दों के रूप में उभर सकते हैं।