मकर संक्रांति का त्योहार हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो हर साल अलग-अलग नामों और धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की और बाबा गोरखनाथ को लोक आस्था की खिचड़ी चढ़ाई। इस दौरान उन्होंने प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और लोगों से आस्था के इस पर्व को श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाने का आह्वान किया।
मकर संक्रांति का यह पर्व सूर्य देव को समर्पित है, जो ऋतु परिवर्तन का प्रतीक है। यह पर्व हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है, और इस बार भी गोरखपुर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस पावन पर्व पर भगवान सूर्य के प्रति आभार प्रकट करने का पर्व है, और सनातन धर्म के अनुयायी इस त्योहार को विभिन्न नामों और परंपराओं के साथ मनाते हैं। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में इस त्योहार की विशेषता और महत्व को ध्यान में रखते हुए गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाई जा रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि मकर संक्रांति का पर्व केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व ही नहीं रखता, बल्कि यह सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। इस दिन लाखों श्रद्धालु पवित्र संगमों में डुबकी लगाते हैं, और भगवान सूर्य के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। उन्होंने विशेष रूप से महाकुंभ में पहले अमृत स्नान के महत्व को रेखांकित किया, जहां 1.75 करोड़ श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के लोगों से अपील की है कि वे इस पावन पर्व के दौरान स्वच्छता का भी ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक और अन्य कूड़े-कर्कट का उपयोग ना करें, जिससे हमारी प्रकृति और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। प्रशासन और विभिन्न स्वयंसेवी संगठन इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं।
गोरखनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला सोमवार से ही प्रारंभ हो गया था। बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की मान्यता है कि यह बाबा के आशीर्वाद से हर मन्नत पूरी होती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन में श्रद्धालुओं को ठहरने और अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रशासनिक तैयारियां की।
संपूर्ण गोरखपुर शहर और गोरखनाथ मंदिर परिसर इस पर्व को मनाने के लिए रोशनी और सजावट से भरा हुआ है। साथ ही प्रशासन ने रैन बसेरों और अन्य स्थानों पर आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं, ताकि श्रद्धालु किसी भी कठिनाई का सामना न करें। मकर संक्रांति का यह पर्व आस्था, विश्वास और सामाजिक सामंजस्य का प्रतीक है, जो हिंदू धर्म की अनेकता और विविधता का भी परिचायक है।
मकर संक्रांति के पर्व पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने बाबा गोरखनाथ को लोक आस्था की खिचड़ी चढ़ाई, जिसके बाद मंदिर के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। यह मान्यता है कि बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाकर जो मन्नत मांगी जाती है, वह कभी पूरी नहीं होती। हर भक्त की हर कामना पूरी होती है। सीएम योगी ने मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह पर्व भगवान सूर्यदेव को धन्यवाद देने का है और देशभर में इसे अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। गोरखपुर में भी हर साल मकर संक्रांति का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार 15 जनवरी की जगह 14 जनवरी को ही गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाई जा रही है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के अवसर पर लगभग 1.75 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई, जो एक अद्वितीय अनुभव था। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे मकर संक्रांति के इस पावन पर्व को आस्था और उत्साह के साथ मनाएं, और प्लास्टिक के प्रयोग से बचें। साथ ही, शासन-प्रशासन के सहयोग से सभी स्वैच्छिक संगठन भी इस आयोजन में अपना योगदान दे रहे हैं।