रेखा गुप्ता की निर्मला सीतारमण से मुलाकात, दिल्ली को केंद्र से 600 करोड़ रुपये की विशेष सहायता की मंज़ूरी

नई दिल्ली:
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और “राज्यों को पूंजीगत निवेश हेतु विशेष सहायता योजना” (Special Assistance to States for Capital Investment – SASCI) के अंतर्गत दिल्ली के लिए 600 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्राप्त करने का आश्वासन प्राप्त किया।
यह बैठक वित्त मंत्रालय के कार्यालय में आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य दिल्ली के वर्तमान विकास कार्यों, योजनाओं की प्रगति, और जिन क्षेत्रों में तात्कालिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है, उन मुद्दों पर चर्चा करना था। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, रेखा गुप्ता ने शहरी बुनियादी ढांचे, यातायात जाम, हरित ऊर्जा परियोजनाओं, और जल निकासी व्यवस्था जैसे प्रमुख मुद्दों पर केंद्रीय मंत्री को विस्तार से जानकारी दी।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने बताया कि वित्त मंत्री ने इस बैठक के दौरान सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और जुलाई के अंत तक 600 करोड़ रुपये जारी करने पर सहमति जताई। हालांकि, यह राशि दिल्ली सरकार द्वारा एक औपचारिक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बाद ही जारी की जाएगी।
बैठक में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के वित्त विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस उच्च स्तरीय संवाद को दिल्ली के विकास कार्यों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा, “दिल्ली का विकास एक साझा जिम्मेदारी है और केंद्र सरकार ने दिल्ली को निरंतर सहयोग देने का आश्वासन दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस सहायता से दिल्ली के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आम नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस धनराशि का उपयोग दिल्ली में सड़क और जल निकासी व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, ठोस कचरा प्रबंधन (सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट), और स्वच्छ ऊर्जा (क्लीन एनर्जी) जैसी परियोजनाओं में किया जाएगा। इससे न केवल शहर की बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि SASCI योजना के तहत यह सहायता राशि दिल्ली की विकास परियोजनाओं में नई गति प्रदान करेगी। यह सहयोग राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वय का उदाहरण भी है, जिससे भविष्य में भी दिल्ली जैसे मेट्रो शहरों को स्मार्ट और टिकाऊ विकास की दिशा में मजबूती मिलेगी।