इस हफ्ते सोने की कीमत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जबकि चांदी की कीमत में गिरावट देखी गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार, 15 मार्च को सोने की कीमत ₹86,843 प्रति 10 ग्राम थी, जो इस हफ्ते 22 मार्च तक ₹88,169 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है। इस प्रकार, सोने की कीमत में ₹1,326 की बढ़ोतरी हुई है। इसके विपरीत, चांदी की कीमत में गिरावट आई है। पिछले शनिवार, यानी 15 मार्च को चांदी की कीमत ₹98,322 प्रति किलोग्राम थी, जो अब ₹97,620 प्रति किलोग्राम हो गई है। इस प्रकार, चांदी की कीमत में ₹702 की कमी आई है।

इस सप्ताह सोने ने ₹88,761 तक का ऑल टाइम हाई देखा था, जो 20 मार्च को था, जबकि चांदी ने 17 मार्च को ₹1,00,400 प्रति किलोग्राम का उच्चतम स्तर प्राप्त किया था। इस बदलाव का असर आम लोगों के बजट पर भी पड़ता है, क्योंकि सोने और चांदी की कीमतों में आए इस उतार-चढ़ाव से निवेशकों और आम खरीददारों दोनों पर प्रभाव पड़ा है। इस प्रकार की स्थिति में लोग अधिक सतर्क रहते हैं और अपनी खरीदारी को सोच-समझ कर करते हैं।
भारत में सोने की कीमतों में इस प्रकार की वृद्धि और चांदी की कीमत में गिरावट के पीछे विभिन्न आर्थिक और वैश्विक कारण हो सकते हैं। इनमें वैश्विक बाजारों में सोने की बढ़ती मांग, मुद्रा स्फीति, और आर्थिक अस्थिरता जैसी परिस्थितियां शामिल हैं। इसके अलावा, भारतीय बाजारों में सोने की खरीदारी त्यौहारों के मौसम के दौरान बढ़ने के कारण भी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।
चार प्रमुख महानगरों और भोपाल में सोने की कीमतों की बात करें तो, दिल्ली में 22 कैरेट सोने का मूल्य ₹82,450 प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट सोने का ₹89,980 प्रति 10 ग्राम है। वहीं मुंबई में 22 कैरेट सोने की कीमत ₹82,300 प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट सोने की कीमत ₹89,780 प्रति 10 ग्राम है। कोलकाता और चेन्नई में भी लगभग यही कीमतें हैं। भोपाल में 22 कैरेट सोने का मूल्य ₹82,350 प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट सोने का ₹89,880 प्रति 10 ग्राम है।
हालांकि, इस सप्ताह सोने और चांदी के मूल्य में यह बदलाव भारत के कई हिस्सों में दिख रहे हैं, लेकिन इनकी कीमतों में यह उतार-चढ़ाव वैश्विक परिस्थितियों और भारतीय बाजार के रुझानों पर निर्भर करता है। सोने की कीमत में वृद्धि आमतौर पर इसके निवेश के रूप में उपयोग होने के कारण होती है, जबकि चांदी की गिरावट में आमतौर पर औद्योगिक उपयोग की कमी और मांग में कमी जैसे कारण हो सकते हैं।

निवेशकों के लिए यह समय ध्यान से सोने और चांदी के बाजार को समझने का है। आर्थिक स्थितियों के आधार पर सोने में निवेश को सुरक्षित माना जाता है, जबकि चांदी में निवेश करने के लिए बाजार की पूरी समझ और जोखिम का आकलन करना आवश्यक है।