भारत ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के बोर्ड में अस्थायी डायरेक्टर के रूप में परमेश्वरन अय्यर को नामित किया है। 9 मई को होने वाली IMF की महत्वपूर्ण बैठक में परमेश्वरन अय्यर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह बैठक भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें पाकिस्तान के लिए एक नए ऋण पैकेज पर विचार किया जाएगा, साथ ही पाकिस्तान को मिलने वाली 7 अरब डॉलर (करीब ₹59,000 करोड़) के राहत पैकेज की पहली समीक्षा भी होगी। IMF के इस फैसले में एक बड़ा बदलाव आया है क्योंकि पिछले सप्ताह भारत के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन को बर्खास्त कर दिया गया था।

भारत के लिए अहम बैठक

IMF एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जिसका उद्देश्य देशों को आर्थिक मदद प्रदान करना, उन्हें आर्थिक सलाह देना और उनकी अर्थव्यवस्थाओं पर नजर रखना है। IMF का कार्यकारी बोर्ड ही यह निर्णय करता है कि किस देश को लोन देना है, कौन सी नीतियां लागू करनी हैं और किस तरह से वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देना है। इस बोर्ड में कुल 24 सदस्य होते हैं, जिनमें से प्रत्येक सदस्य किसी एक देश या देश के समूह का प्रतिनिधित्व करता है। भारत का एक स्वतंत्र प्रतिनिधि होता है जो IMF में भारत की ओर से अपनी राय व्यक्त करता है और यह सुनिश्चित करता है कि IMF की नीतियां भारतीय हितों को नुकसान न पहुंचाएं।

पाकिस्तान को मिलने वाली सहायता, खासकर क्लाइमेट रेजिलिएंस लोन प्रोग्राम के तहत 1.3 बिलियन डॉलर (लगभग ₹11,000 करोड़) की सहायता पर 9 मई को होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, पाकिस्तान के लिए जारी 7 अरब डॉलर के राहत पैकेज की पहली समीक्षा भी होनी है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में है, और IMF का यह पैकेज उसकी वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

IMF का कार्यकारी बोर्ड और भारत की भूमिका

कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन का इस्तीफा

पिछले हफ्ते IMF ने कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन को उनके कार्यकाल के पूरा होने से पहले ही पद से हटा दिया। सुब्रमण्यन को अगस्त 2022 में IMF बोर्ड में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था, और उनका कार्यकाल 2025 में समाप्त होने वाला था। हालांकि, उन्हें 30 अप्रैल 2025 से छह महीने पहले ही हटा दिया गया। उनका नाम 2 मई तक IMF की वेबसाइट पर कार्यकारी निदेशक के रूप में था, लेकिन 3 मई से यह पद खाली दिखने लगा।

कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन के हटने के बाद एक सवाल उठता है कि क्या उनके हटने के पीछे कुछ विवाद थे। IMF के डेटा संग्रहण प्रक्रिया और रेटिंग सिस्टम को लेकर उन्होंने कई सवाल उठाए थे, जिसके कारण संगठन में उनके और अन्य अधिकारियों के बीच मतभेद बढ़ गए थे। इसके अलावा, उनकी पुस्तक ‘India @ 100’ के प्रचार-प्रसार को लेकर भी कई चिंताएं जताई गईं, जिसमें पद के दुरुपयोग और अनियमितताओं के आरोप थे।

नए डायरेक्टर के रूप में परमेश्वरन अय्यर

परमेश्वरन अय्यर, जो वर्तमान में वर्ल्ड बैंक में भारत के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में कार्यरत हैं, अब IMF में अस्थायी डायरेक्टर के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, और उनकी नियुक्ति से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत IMF में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए लगातार सक्रिय है।

निष्कर्ष

IMF की आगामी बैठक में भारत के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी, और परमेश्वरन अय्यर की भूमिका इस बैठक में अहम साबित हो सकती है। भारत के लिए IMF के निर्णय, खासकर पाकिस्तान के राहत पैकेज पर, न केवल पाकिस्तान के लिए आर्थिक स्थिरता की दिशा में अहम होंगे, बल्कि यह भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण को भी प्रभावित कर सकते हैं। इस स्थिति में, भारत के प्रतिनिधि की जिम्मेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, खासकर जब यह बैठक भारत के लिए आर्थिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

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