भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भारत के अधिकारों को लेकर एक बड़ा और अहम बयान दिया है। उन्होंने NDTV को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में स्पष्ट कहा कि “अगर राजनयिक प्रयास विफल हो जाते हैं, तो भारत को अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है।”

जॉन बोल्टन, जो डोनाल्ड ट्रंप के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे, उन्होंने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब भारत आतंकवाद के खिलाफ कड़ी नीति अपनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटा रहा है। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद भारत के भीतर और बाहर दोनों जगह आक्रोश का माहौल है।

बोल्टन ने कहा, “भारत को यह अधिकार है कि वह अपनी जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आतंकवाद के खतरों को खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठाए। लेकिन मेरी सलाह यही रहेगी कि जवाबी कार्रवाई से पहले सभी कूटनीतिक रास्तों को आजमाया जाए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि राजनयिक प्रयास नाकाम हो जाएं, तो “भारत को आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिलेगा।”

उनके इस बयान को भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है। बोल्टन ने यह भी स्वीकार किया कि पाकिस्तान के भीतर कई ऐसे आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं जो भारत को निशाना बनाते हैं। उन्होंने कहा, “यह बात अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पष्ट हो चुकी है कि पाकिस्तान की धरती से भारत पर बार-बार हमले किए जाते हैं। अगर पाकिस्तान इन गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाता, तो भारत को अपनी रक्षा करने का पूरा हक है।”

बोल्टन का यह बयान न केवल भारत की कूटनीतिक स्थिति को मज़बूती देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अमेरिका के पूर्व उच्च अधिकारी भी अब पाकिस्तान की दोहरी नीति को लेकर सतर्क हैं। इस इंटरव्यू के ज़रिए भारत को आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलता दिख रहा है।

इस समय जबकि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ मजबूत आवाज उठाई है, जॉन बोल्टन का यह बयान देश की नीति को और अधिक नैतिक समर्थन देने वाला है। आने वाले समय में भारत किस प्रकार की कार्रवाई करता है, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन अमेरिका के इस बड़े बयान ने भारत के लिए कूटनीतिक मोर्चे पर एक नई ऊर्जा जरूर भर दी है।

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