“नो का मतलब नो होता है”: सिंगापुर यात्रा के दौरान भारतीय पुरुषों के आपत्तिजनक व्यवहार पर महिला ने उठाई आवाज
हाल ही में एक भारतीय महिला ने सोशल मीडिया मंच Reddit पर एक ऐसा अनुभव साझा किया, जिसने कई लोगों को झकझोर कर रख दिया है। यह अनुभव सिंगापुर यात्रा से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कुछ भारतीय पुरुषों द्वारा किए गए असहज और आपत्तिजनक व्यवहार के बारे में विस्तार से बताया। यह महिला अपनी तीन सहेलियों के साथ छुट्टियाँ मनाने गई थीं, लेकिन यात्रा का एक हिस्सा उनके लिए डरावना और असहज बन गया।
महिला ने अपनी पोस्ट में बताया कि शुरुआत में यात्रा बेहद अच्छी चल रही थी। सिंगापुर की साफ-सुथरी सड़कों, संस्कृति और सौहार्द से वे सभी बहुत प्रभावित थीं। लेकिन जब वे एक प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर घूमने गईं, तो स्थिति धीरे-धीरे बदलने लगी। वहां पर एक भारतीय युवक, जिसकी उम्र लगभग 25 साल रही होगी, लगातार उनका पीछा करने लगा।

युवक ने पहले तो खुद को एक ‘फ्रीक्वेंट ट्रैवलर’ बताया और कहा कि वह सिंगापुर अकसर आता रहता है और इस बार अकेलापन महसूस कर रहा है। उसने प्रस्ताव दिया कि वह लड़कियों को मंदिर के आस-पास घुमा सकता है और गाइड का काम कर सकता है। हालांकि, महिलाओं ने बेहद शालीनता से उसका यह प्रस्ताव ठुकरा दिया, लेकिन इसके बावजूद वह उनका पीछा करता रहा।
युवक ने उन्हें यह भी कहा कि मंदिर के ऊपरी मंजिल पर एक खास वेगन रेस्टोरेंट है, जहां भिक्षु भोजन करते हैं और वह उन्हें वहां ले चल सकता है। शुरू में तो महिलाओं को थोड़ी जिज्ञासा हुई, लेकिन जैसे-जैसे उसका व्यवहार अजीब और जबरदस्ती भरा होने लगा, वे असहज महसूस करने लगीं। उन्होंने फ्लोर स्किप करके उसे चकमा देने की कोशिश की, लेकिन युवक बार-बार दिखाई देता रहा।
घटना यहीं खत्म नहीं हुई। जब वे लंच कर रही थीं, तो वह व्यक्ति अचानक फिर आ गया और जबरदस्ती उनके खाने की ट्रे का भुगतान करने की पेशकश करने लगा। जब महिलाओं ने मना किया, तो उसने कहा कि उसे छुट्टे पैसे चाहिए। यह व्यवहार बेहद अजीब और असहज करने वाला था। महिलाएं जल्दबाज़ी में खाना खत्म कर वहाँ से निकल गईं, लेकिन फिर भी वह व्यक्ति एक नजदीकी दुकान में फिर दिखाई दिया।
लगभग एक घंटे तक पीछा किए जाने के बाद महिलाओं ने खुद को सुरक्षित महसूस नहीं किया और उन्होंने तुरंत MRT (सिंगापुर की मेट्रो) पकड़कर उस इलाके को छोड़ दिया।
महिला ने अपनी पोस्ट के अंत में खासतौर पर भारतीय पुरुषों को संबोधित करते हुए कहा, “कृपया ‘ना’ का मतलब ‘ना’ ही समझें। यह डराने, पीछा करने या ज़बरदस्ती करने की अनुमति नहीं देता। विदेश में घूम रही महिलाओं को भी स्वतंत्रता और सुरक्षा की उतनी ही आवश्यकता है, जितनी अपने देश में।”
इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कई लोगों ने महिला का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसे व्यवहार से पूरे समुदाय की छवि खराब होती है और सभी भारतीयों को आत्ममंथन करने की ज़रूरत है।

यह घटना इस बात की गंभीर याद दिलाती है कि भले ही देश या स्थान बदल जाए, महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान से समझौता नहीं होना चाहिए। ‘ना’ का मतलब हर जगह सिर्फ ‘ना’ होता है – चाहे वो भारत हो या सिंगापुर।