देश में जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है, ऐसे समय में हर नागरिक की देशभक्ति और देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज़्बा देखने को मिल रहा है। इसी भावना से ओतप्रोत हैं बिहार के कटिहार की बेटियां, जो भारतीय सेना और पुलिस में भर्ती होकर देश की रक्षा के लिए तैयार हो रही हैं। ये बेटियां किसी फिल्मी किरदार से नहीं, बल्कि देश की दो वीर महिला अफसरों – कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह से प्रेरित होकर मैदान में पसीना बहा रही हैं।

बीते बुधवार की सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया। यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई, जिसकी जानकारी देश को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी गई। उस मंच पर मौजूद थीं दो बहादुर महिला अधिकारी – कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। इन दोनों ने देशवासियों को न सिर्फ सेना की रणनीति से अवगत कराया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि आज की भारतीय महिला सेना में भी हर चुनौती से लड़ने को तैयार है।

कटिहार की लड़कियां, जो अभी पुलिस और सेना की परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं, इन दोनों अफसरों को अपना आदर्श मानती हैं। सुबह से लेकर शाम तक ये युवतियाँ मैदान में दौड़ती हैं, हथियारों की बेसिक ट्रेनिंग लेती हैं और फिजिकल फिटनेस को प्राथमिकता देती हैं। इनमें से कई लड़कियों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे सरहद पर जाकर दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब देंगी।

कटिहार की रहने वाली एक तैयारीरत छात्रा ने कहा, “कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। उनकी बहादुरी ने हममें आत्मविश्वास भर दिया है। अब हम सिर्फ नौकरी के लिए नहीं, देश की सेवा के लिए सेना में जाना चाहती हैं।”

कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना में संचार विशेषज्ञ हैं और वे संयुक्त राष्ट्र मिशन का हिस्सा भी रह चुकी हैं। वहीं, विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की पहली महिला अधिकारियों में से हैं जिन्होंने दुश्मन के क्षेत्र में जाकर रणनीतिक ऑपरेशन को अंजाम दिया। इन दोनों ने साबित कर दिया कि भारतीय महिलाएं अब सिर्फ सीमाओं पर तैनात नहीं, बल्कि सैन्य अभियानों की अगुवाई भी कर रही हैं।

कटिहार की बेटियों का यह जोश और समर्पण आज के भारत की उस तस्वीर को दर्शाता है, जहां महिलाएं सिर्फ रक्षक नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता भी बन रही हैं। जब देश की बेटियां इस तरह से कंधे से कंधा मिलाकर देश की सुरक्षा के लिए तैयार खड़ी हैं, तब यह यकीन और मजबूत होता है कि भारत का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।

आज सोशल मीडिया से लेकर जनसभाओं तक, हर जगह इन दो बहादुर महिला अफसरों की चर्चा हो रही है। और अब कटिहार की ये युवा लड़कियां भी उसी राह पर चल पड़ी हैं। उन्हें सिर्फ प्रेरणा नहीं मिली है, बल्कि एक मकसद मिल गया है – “देश की रक्षा और सम्मान की खातिर कुछ कर दिखाना।”

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