देहरादून। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति रितु बाहरी के पद की शपथ के बाद, न्यायमूर्ति बाहरी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरुमीत सिंह (रेनी), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने यूसीसी सहित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। इससे पहले न्यायमूर्ति बाहरी को उत्तराखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नामित किया गया था। मुख्य न्यायाधीश के पद पर आपकी नियुक्ति पर बधाई। श्री महाराज के कथन के अनुसार, यदि हमें सभी व्यक्तियों के विकास को बढ़ावा देना है और सभी के विश्वास के तहत काम करना है तो यूसीसी का कार्यान्वयन अनिवार्य है। उनके अनुसार, यूसीसी जैसा कानून देश के गोद लेने, संपत्ति विभाजन, विवाह और तलाक से संबंधित कानूनों के लिए महत्वपूर्ण है।
कैबिनेट मंत्री श्री महाराज के अनुसार, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 तक सभी भारतीय नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं और धार्मिक समूहों को अपने स्वयं के मामले चलाने की अनुमति देते हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय नीतियां बनाते समय, भारतीय राज्य को प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए सामान्य कानून और राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों पर विचार करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 44 द्वारा अनिवार्य किया गया है। यूसीसी वर्तमान में देश की अखंडता, एकता और लैंगिक असमानता के खिलाफ लड़ाई के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में उत्तराखंड ने यूसीसी के संबंध में जो ऐतिहासिक कार्य किया है, उस पर हमें गर्व है। जो पूरे देश के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा।