शत्रुघ्न सिन्हा, जिन्होंने अपनी फिल्म ‘कालीचरण’ से बॉलीवुड में कदम रखा और बाद में कई सुपरहिट फिल्में दीं, का निजी जीवन हमेशा चर्चा का विषय रहा है। अपनी फिल्मी सफलता के बावजूद, उनका व्यक्तिगत जीवन कभी भी सुलझा हुआ नहीं था। उनकी बायोग्राफी ‘एनीथिंग बट खामोश’ में शत्रुघ्न ने अपने जीवन के कई अनकहे पहलुओं से पर्दा उठाया, खासकर उनकी रोमांटिक लाइफ और शादीशुदा जिंदगी के बारे में।

शत्रुघ्न का नाम बॉलीवुड की एक प्रसिद्ध एक्ट्रेस रीना रॉय के साथ जुड़ा था। दोनों की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री के साथ-साथ उनके अफेयर की चर्चा भी बॉलीवुड में गूंज रही थी। हालांकि, रीना के साथ रिश्ते में होने के बावजूद, शत्रुघ्न ने पूनम चंदीरामनी से शादी करने का फैसला किया, जो उनकी साथी कलाकार थीं। पूनम से उनकी पहली मुलाकात एक ट्रेन यात्रा के दौरान हुई थी, और बाद में दोनों ने फिल्म ‘सबक’ में साथ काम किया।

शत्रुघ्न ने अपनी बायोग्राफी में इस कठिन फैसले के बारे में खुलासा करते हुए कहा, “कभी-कभी ज़िंदगी में ऐसे मोड़ आते हैं जब निर्णय लेना बेहद कठिन होता है। एक बार निर्णय लेने के बाद, यह हमेशा सबको खुश नहीं कर सकता।” शत्रुघ्न ने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी आज़ादी को छोड़ने से डरते हुए शादी करने का निर्णय लिया था। वह अपनी पत्नी पूनम के साथ खुश नहीं थे और इस पर उन्हें पछतावा भी हुआ।

शत्रुघ्न के अनुसार, शादी के बाद की ज़िंदगी में कई परेशानियां आईं, खासकर जब वह अपने पुराने रिश्ते से जुड़ी यादों से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। वह रीना से अपनी भावनाओं को पूरी तरह से खत्म नहीं कर पाए थे। पूनम अक्सर इस वजह से दुखी रहती थीं, और शत्रुघ्न को समझने में वक्त लगा। उन्होंने अपनी किताब में इस मुश्किल दौर को याद करते हुए कहा, “यह आसान नहीं था। रीना मुझसे सवाल करती थी, ‘अब जब तुमने किसी और के साथ घर बसाया है, तो क्या मुझे छोड़ दिया गया है?’ यह एक बहुत ही कठिन स्थिति थी।”

आखिरकार, रीना ने अपने रास्ते पर चलते हुए 1983 में पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहसिन खान से शादी की, हालांकि उनका भी रिश्ता 1992 में टूट गया। इस दौरान शत्रुघ्न और पूनम ने अपने परिवार को संजीदगी से संभाला, और 1983 में उनके जुड़वां बेटे लव और खुश का जन्म हुआ, जबकि 1987 में उनकी बेटी सोनाक्षी सिन्हा ने जन्म लिया।

इस पूरे सफर के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने कई महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं, जो न केवल उनके निजी जीवन को समझने में मदद करती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि किस तरह से एक व्यक्ति अपने जीवन के कठिन निर्णयों से गुजरता है।

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