भारतीय क्रिकेट का नज़रिया जनवरी 2024 से अब तक किसी रोमांचक कहानी से कम नहीं। युवा कप्तान शुबमन गिल ने तीन टेस्ट मैचों में 607 रनों की जबरदस्त श्रृंखला खेलने के बाद बल्ले से लगातार जवाब दिया है। ख़ास बात यह है कि उनके 607 में से अकेले दूसरे टेस्ट (बर्मिंघम–एजबैट्रन) में 430 रन एक पारी में बनाए, जो सचमुच अध्भुत प्रदर्शन है। इस अद्वितीय प्रदर्शन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि गिल मैदान पर कितना बड़ा नाम बनकर उभर रहे हैं।

गिल की औसत इस सीरीज में शानदार 101.16 है। उनका बेस्ट स्कोर 269 रनों की पारी है, जो उन्होंने पहले टेस्ट (एजबैट्रन) में खेली थी। इस 269-रन की पारी ने उनकी तकनीक, मानसिक दृढ़ता और चयनित शॉट्स की समझ को एक नए मुकाम पर पहुँचा दिया। पिछले 19 सालों में किसी एशियाई बल्लेबाज़ ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में गिल जैसा विस्फोटक आंकड़ा नहीं बनाये—और गिल ने यह रिकॉर्ड पहले ही पार कर लिया।
अब तक उनके सामने केवल एक बड़ा रिकॉर्ड बचा है: “किसी एशियाई बल्लेबाज़ द्वारा इंग्लैंड में खेले गए टेस्ट सीरीज में सर्वाधिक रन स्कोर करने का रिकॉर्ड”। इस रिकॉर्ड की शुरुआत लगभग 19 साल पहले हुई थी और अब गिल को रिकॉर्ड तोड़ने के लिए सिर्फ अतिरिक्त 25 रन की जरूरत है। यानी गिल चौथे टेस्ट की शुरुआत से पहले ही इस ऐतिहासिक कगार पर खड़े हैं।
चौथा टेस्ट, जो जुलाई 23, 2025 (बुधवार) से मंडे खेला जा रहा है, गिल के लिए सुनहरा मौका लेकर आ रहा है। अगर वह सेमी–एवन या हम शूट करने में सफल रहते हैं, तो वह यह धमाकेदार रिकॉर्ड केवल एक पारी या दो की मदद से आसानी से तोड़ सकते हैं। एक बार इसके टूटने के बाद, गिल न केवल एशियाई बल्कि विश्व श्रेणी में भी कुछ किताबों में अपना नाम दर्ज कर चुके होंगे।
लेकिन सिर्फ रिकॉर्ड्स ही गिल की गिनती नहीं बढ़ा रहे हैं। टीम इंडिया की जीत में उनका योगदान भी अतुलनीय रहा है। दूसरे टेस्ट में 430 रन की पारी ने टीम की रणनीति को जबर्दस्त गति दी, जिससे इंग्लैंड को 336 रनों से मात मिली। इसके बाद गिल ने एक बार फिर तीसरे टेस्ट में बल्लेबाज़ी आंकड़ों के लिए उपयुक्त आधार प्रदान किया, जिससे उनका प्रदर्शन एक सुसंगतता का प्रतीक बन गया।
गिल की सफलता की कहानी का दूसरा पहलू है – उनकी क्रीज़ पर बैठे रहने की क्षमता और उत्कृष्ट मानसिक संतुलन। लंबे समय तक टिककर, विविध परिस्थितियों में अच्छी टेक्निक से बल्लेबाज़ी करना, इंग्लैंड के तेज़ व धीमी पिचों पर भी संघर्षरत नहीं होना, – यह सब उनकी तैयारी और आत्मविश्वास को दर्शाता है। 269 रनों की ऐतिहासिक पारी के दौरान गिल ने इंग्लैंड के पेस अटैक को ऐसी पंगु स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया कि विपक्ष को जवाब में कोई समान जोरदार प्रतिक्रिया न मिल सका।
चौथे टेस्ट में अब गिल की निगाहें उसी रिकॉर्ड पर टिकी हैं, जो 25 रन दूर है। लेकिन इससे भी बड़ा लक्ष्य टीम की श्रृंखला जीत हो सकता है। इससे पहले तीन मैचों के बाद टीम इंडिया की स्थिति काफी मजबूत हो चुकी है। अगर गिल इस दौरान एक और बड़ी पारी खेलकर टीम की श्रृंखला बढ़ाने में मदद करते हैं, तो उनका प्रदर्शन इतिहास में और अधिक सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा।
नतीजतन, गिल की बल्लेबाज़ी को सिर्फ व्यक्तिगत सफलता के रूप में नहीं देखा जा रहा है, बल्कि इसे भारतीय टीम की एक नई सोच और आत्मविश्वास की निशानी भी माना जा रहा है। उनकी अगली बड़ी पारी – चाहे वह 25 रन से शुरू होकर 100, 150, या 200 पार करे – यह साबित करेगा कि युवा लीडरशिप और कड़ी मेहनत के साथ लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है।

अंततः, 23 जुलाई से शुरू हो रहे चौथे टेस्ट में शुबमन गिल के नाम एक नया अध्याय जुड़ने की उम्मीद है। चाहे वह महज़ 25 रन से भी रिकॉर्ड तोड़ लें या उसमें से एक नई गिनती जोड़ दें – इस क्रिकेट प्रेमियों के लिए उत्साह का विषय है कि भारत का यह युवा कप्तान इतिहास के पन्नों में अपनी मौज़ूदगी दर्ज कराने जा रहा है।