मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे बड़े ही हर्षोल्लास और धार्मिक भावना के साथ मनाया जाता है। इस दिन कई परंपराएं और रीतियां निभाई जाती हैं, जिनमें तिल और गुड़ के लड्डू बनाने की परंपरा भी शामिल है। मकर संक्रांति के दिन विशेष रूप से तिल-गुड़ के लड्डू बनाने के पीछे कई धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं।

मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू क्यों बनाए जाते हैं?

1. धार्मिक दृष्टिकोण:

मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिससे उत्तरायण की शुरुआत होती है। इस दिन तिल और गुड़ का दान बहुत पुण्यकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्य भगवान को तिल और गुड़ का भोग अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की वृद्धि होती है। इसके अलावा, तिल और गुड़ का दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

2. आध्यात्मिक दृष्टिकोण:

आध्यात्मिक रूप से, तिल और गुड़ दोनों ही हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण हैं। तिल को आध्यात्मिक रूप से पवित्र माना जाता है, जो आत्मा की शुद्धि और सुख-समृद्धि प्रदान करता है। वहीं, गुड़ की तासीर गर्म होती है और मकर संक्रांति के मौसम में जब ठंड अधिक होती है, तो इनका सेवन शरीर को अंदर से गर्म रखने में मदद करता है।

3. वैज्ञानिक दृष्टिकोण:

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी तिल और गुड़ का संयोजन सेहत के लिए लाभकारी होता है। तिल में प्रोटीन, कैल्शियम, और विटामिन ई जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक हैं। वहीं, गुड़ में आयरन, फाइबर और अन्य खनिज होते हैं, जो पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करते हैं। इसलिए, मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ के लड्डू खाने से स्वास्थ्य भी लाभ मिलता है।

तिल के लड्डू बनाने की विधि:

तिल के लड्डू बनाने के लिए निम्न सामग्री और विधि का पालन किया जा सकता है:

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