प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (Pravasi Bharatiya Divas) का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत न केवल आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तेजी से उभर रहा है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को भारत का हिस्सा बताते हुए उनके योगदान की सराहना की और कहा कि उनकी वजह से भारत को गर्व महसूस होता है।
पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों के साथ अपने विशेष संबंध को व्यक्त किया और कहा कि भारतीय डायस्पोरा हमारे राष्ट्र के दूत के रूप में कार्य करता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां भारत का गौरव बढ़ाते हैं और देश की संस्कृति को फैलाते हैं। उन्होंने भारतीय मूल के लोगों की बहुमूल्य सेवाओं की सराहना की और कहा कि उनकी मेहनत और योगदान से भारत की ताकत और प्रभाव बढ़ा है।
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को भारत के विकास का एक अभिन्न हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की हैं। भारत आज मेड इन इंडिया उत्पादों, तकनीकी नवाचारों और सेवा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन चुका है। यह सब प्रवासी भारतीयों के योगदान से ही संभव हुआ है, जो न केवल भारत के विकास में योगदान दे रहे हैं बल्कि विभिन्न देशों में भी भारत की छवि को मजबूत कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों के सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान को भी महत्व दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और मूल्यों को दुनिया भर में फैलाने में प्रवासी भारतीयों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां की संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करते हैं, जो उनके राष्ट्रीय दायित्व का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी वजह से उन्हें दुनिया में गर्व से सिर ऊंचा रखने का अवसर मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मेहनत और समर्पण से भारत का वैश्विक स्तर पर मान-सम्मान बढ़ा है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन में विभिन्न देशों से आए भारतीयों की सहभागिता ने इस बात को और भी सशक्त किया कि भारतीय समुदाय अपने राष्ट्र के विकास में कितना योगदान दे रहा है।