उत्तराखंड में अनेक प्रजाति के साँप पाये जाते थे ,वही अब 6 प्रजाति के साँप देहरादून में ज्यादातर देखने को मिल रहे है,जैसे कि कोबरा,वाटर स्नैक,करैत ,चिति साँप,रैटल स्नेक, घोड़ा पछाड़ व अजगर। वही हमारी बात हुई वार्ड नं 11 के पूर्व पार्षद भारत भूषण कौशल जी से ,वही उन्होंने बताया कि उनका जीवन समाज सेवा के लिए ही है,2003 से 2008 तक खुद पार्षद रहे,तब से 2023 तक लगातार पार्षद घर के ही सदस्य है, वही उन्होंने बताया कि हमारा परिवार शुरू से ही समाज सेवा करता आ रहा है, इसी भावना से बचपन से ही मैं शिव जी भगवान के गले मे साँप को ही भगवान का रूप मानता आ रहा हूँ, ओर आज तक साँप सुरक्षित जंगल मे छोड़कर आता हूं,भारत भूषण कौशल आम लोगो की तरह ही है इनको कोई प्रॉफेशनल ट्रेनिंग नही दी गयी ओर न ही यह रेस्क्यू करने वाले है,केवल भावनाओ की वजह से अपनी जान हथेली पर रख कर लोगो के डर को साँप के रूप में सुरक्षित जंगल मे छोडकर आते है,यह समाज सेवा निशुल्क इस कदर कर रहे है कि लोग इनसे फेसबुक के माध्यम से संपर्क कर रहे है, समाज मे इतना सराहनिय कार्य में इनकी धर्मपत्नी भी इनका सहियोग करती है, इनका उत्साह बढ़ाती है, वही सरकार व फॉरेस्ट विभाग से इनको कोई मदद नही मिलती फिर भी अपनी जान हतेली पर रख कर साँपो का जीवन बचा रहे है, वही उन्होंने बताया कि इस समय साँप घरों मैं घुस रहे है अगर साँप गलती से किसी को काट ले तो तुरन्त अस्पताल पहुचाये,ओर घरों में फिनाइल ओर डीजल का पोछा लगाए,जिसकी दुर्गंध से साँप घरों में नही आएंगे।

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