आध्यात्मिक गुरु अनिरुद्धाचार्य ने वायरल वीडियो पर दी प्रतिक्रिया, कहा– संतों का विरोध हो रहा है

प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य ने विशेष बातचीत में अपने वायरल वीडियो को लेकर उत्पन्न विवाद पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जिस वीडियो को लेकर विवाद मचा है, वह उनका पूरा संदेश नहीं है बल्कि सिर्फ उनके एक बयान का छोटा और संपादित किया गया हिस्सा वायरल हुआ है।

उन्होंने बताया कि उनका पूरा वीडियो लगभग छह मिनट का है, लेकिन सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर केवल 30 सेकंड का एक छोटा क्लिप वायरल हो रहा है, जिससे उनके शब्दों का अर्थ बदल गया है। अनिरुद्धाचार्य ने जोर देकर कहा कि उनकी बातों को सही संदर्भ में समझना चाहिए और उन्हें विवादित बनाने के लिए तोड़ा-मरोड़ा नहीं जाना चाहिए।

गुरुजी ने यह भी माना कि उन्होंने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, खासकर जो ग्रामीण भाषा का हिस्सा है जैसे “मुख मारना”, वह सही नहीं थे और इसीलिए उन्होंने लोगों से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि भाषा का चुनाव थोड़ा कठोर हो सकता है, लेकिन उनके संदेश का मूल उद्देश्य और भावना पूरी तरह सही और सकारात्मक थी।

अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि वे चाहते हैं कि लोग उनकी बातों को पूरा सुनें और समझें, न कि केवल कटे-छंटे और गलत संदर्भ में लिए गए अंश को। उनका मानना है कि संतों और आध्यात्मिक गुरुओं के प्रति नकारात्मकता बढ़ रही है और उनके विचारों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे छोटे-छोटे वीडियो अक्सर पूरी कहानी नहीं बताते और इसे लेकर लोगों में गलतफहमियां पैदा होती हैं। उन्होंने सभी से विनम्रता और समझदारी से बात सुनने की अपील की।

अनिरुद्धाचार्य ने कहा, “मेरे शब्दों को गलतफहमी के कारण इस तरह पेश करना उचित नहीं है। संत और गुरु समाज के मार्गदर्शक होते हैं, और उनका अपमान या विरोध किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं होना चाहिए।”

वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि वे हमेशा समाज के कल्याण और आध्यात्मिक विकास के लिए काम करते रहेंगे और किसी भी परिस्थिति में अपने सिद्धांतों से पीछे नहीं हटेंगे।

उन्होंने आगे बताया कि उनका उद्देश्य हमेशा लोगों को सही मार्ग दिखाना और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रेरित करना रहा है। इसलिए, यदि उनकी भाषा में कोई कमी रह गई हो, तो वे इसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं, लेकिन उनके संदेश की मूल भावना को समझना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि समाज में कुछ लोग संतों और आध्यात्मिक गुरुओं के प्रति गलत धारणा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जो सही नहीं है। ऐसे में सभी को संतों के संदेशों को समझदारी से लेना चाहिए और बिना पूरी जानकारी के विवाद नहीं फैलाना चाहिए।

अंत में, अनिरुद्धाचार्य ने अपने अनुयायियों और सभी लोगों से विनम्र निवेदन किया कि वे उनके पूरे संदेश को समझें, न कि केवल वायरल वीडियो के टुकड़े को। उन्होंने आशा जताई कि लोग उनके वास्तविक उद्देश्य को समझेंगे और आध्यात्मिकता के सही मार्ग पर चलेंगे।


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