प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज से शुरू होने वाले बजट सत्र के प्रारंभ में अपने संबोधन में कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने इस बार के बजट सत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए एक अहम संदेश दिया कि यह पहला सत्र है, जिसमें विदेशी ताकतों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोई कोशिश नहीं की गई है। प्रधानमंत्री ने इशारों-इशारों में उन ताकतों पर निशाना साधा, जो पहले भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए विदेशी प्रभाव का सहारा लेती थीं। उनका कहना था कि 2014 से अब तक यह पहला ऐसा सत्र है, जब किसी विदेशी चिंगारी को हवा देने की कोशिश नहीं की गई है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 2014 से वह देख रहे हैं कि हर सत्र के पहले कुछ लोग शरारत करने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ है। उनका यह बयान उन शक्तियों के प्रति था, जो अक्सर भारत के अंदर से विदेशी ताकतों के इशारे पर देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश करती थीं। यह संदेश न केवल विपक्ष को, बल्कि उन ताकतों को भी था, जो भारत के आंतरिक मामलों में अनावश्यक दखलअंदाजी करती थीं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि वह मां लक्ष्मी से प्रार्थना करते हैं कि वह गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों पर कृपा बरसाएं। उन्होंने कहा कि यह बजट सत्र ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर एक कदम और बढ़ने के लिए नया आत्मविश्वास और ऊर्जा लेकर आएगा। उनके अनुसार, इस सत्र में कई ऐतिहासिक बिल पर चर्चा होगी, जो राष्ट्र की ताकत को बढ़ाएंगे, खासकर नारीशक्ति के गौरव को पुनः स्थापित करने के लिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने बजट के संदर्भ में कहा कि यह सत्र खास महत्व रखता है क्योंकि यह उनके तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है। उन्होंने कहा कि यह सत्र भारतीय गणराज्य के 75 वर्षों की सफलता का प्रतीक है, और यह समय है जब भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया जा रहा है। उन्होंने 2047 में जब स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होंगे, तब भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखे जाने की उम्मीद जताई।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज को सुधारने के लिए इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे, जो देश की शक्ति और समृद्धि को बढ़ावा देंगे। इस दौरान, महिलाओं और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी, जिससे नारीशक्ति का सम्मान और गौरव फिर से स्थापित हो सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बातों में यह स्पष्ट किया कि यह बजट सिर्फ आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस सत्र को भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक नया मोड़ बताया, जो देश के भविष्य को एक नई दिशा में ले जाएगा।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बजट सत्र के महत्व को उजागर किया और यह सुनिश्चित किया कि यह सत्र भारत को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा। उनका यह बयान न केवल विपक्ष के लिए बल्कि देश की जनता के लिए भी एक सशक्त संदेश था, जिसमें उन्होंने भारतीय आत्मनिर्भरता, नारीशक्ति, और समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने का भरोसा दिलाया।