वृंदावन के प्रसिद्ध संत और राधारानी के परम भक्त प्रेमानंद महाराज की रात्रि दर्शन पदयात्रा (Ratri Darshan Padyatra) को लेकर हाल ही में एक बड़ा बदलाव हुआ है। प्रेमानंद जी महाराज के भक्तों की संख्या बहुत बड़ी है, न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी उनके अनुयायी हैं। वह वृंदावन में अपने आश्रम “श्री कृष्णा शरणम” से लेकर “श्री हित राधा केलि कुंज” तक रात्रि 2 बजे पदयात्रा करते थे, जिसे लाखों लोग रात्रि दर्शन पदयात्रा के रूप में पहचानते थे। इस यात्रा में प्रेमानंद महाराज के साथ उनके शिष्य भी होते थे और रास्ते के दोनों ओर भक्तों की एक लंबी कतार लगी रहती थी, जो महाराज के दर्शन के लिए खड़े रहते थे।
लेकिन अब प्रेमानंद महाराज ने अपनी रात्रि दर्शन पदयात्रा को रोकने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के पीछे उनकी अपनी सेहत और भक्तों की भलाई को लेकर कई महत्वपूर्ण कारण बताए जा रहे हैं। आइए जानते हैं कि इस निर्णय के पीछे कौन से कारण हैं, जिनकी वजह से यह यात्रा रोकी गई।
प्रेमानंद महाराज की सेहत
प्रेमानंद महाराज की उम्र अब काफी हो चुकी है और उनकी सेहत भी पहले जैसी नहीं रही। प्रतिदिन की रात्रि पदयात्रा में काफी समय और ऊर्जा लगती थी, जो उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल रही थी। हालांकि वह अपने भक्तों के प्रति समर्पित थे और हमेशा उनके बीच रहना चाहते थे, लेकिन अपनी सेहत के कारण यह कठिन हो गया था। रात्रि के समय ठंडी और अधिक समय तक चलने से उनकी तबियत पर बुरा असर पड़ रहा था। ऐसे में अपने स्वास्थ्य की देखभाल और उपचार की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने यह निर्णय लिया।
भक्तों की चिंता
प्रेमानंद महाराज का यह निर्णय सिर्फ अपनी सेहत के कारण नहीं बल्कि भक्तों की चिंता के कारण भी लिया गया है। दरअसल, रात्रि दर्शन पदयात्रा में बहुत बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहते थे, और यह एक प्रकार से जोखिम का कारण बन सकता था। विशेष रूप से रात के समय बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होने के कारण सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती थीं। साथ ही, रात्रि में यात्रा करने से कुछ भक्तों को भी असुविधा होती थी, जैसे कि रात में जाने के दौरान कुछ लोग किसी दुर्घटना का शिकार हो सकते थे। इसलिए भक्तों की सुरक्षा और उनका भला भी महाराज के इस फैसले का एक अहम कारण रहा।

यात्रा का विकल्प
अब जबकि रात्रि दर्शन पदयात्रा को रोक दिया गया है, महाराज और उनके अनुयायी दिन में अन्य समय पर भव्य पूजा और संकीर्तन आयोजित करने की योजना बना रहे हैं, ताकि भक्तों को कोई कठिनाई न हो। इसके साथ ही, महाराज ने यह भी कहा है कि वह अब अधिक ध्यान और साधना में समय देंगे, ताकि उनकी सेहत में सुधार हो सके और वह और अधिक समय तक अपने भक्तों की सेवा कर सकें।
भक्तों के लिए संदेश
प्रेमानंद महाराज ने अपने भक्तों को यह संदेश भी दिया कि कोई भी निर्णय उनके स्वास्थ्य और भलाई को ध्यान में रखते हुए लिया जाता है। उन्होंने भक्तों से यह अपील की है कि वे उनके इस फैसले को समझें और उन्हें आशीर्वाद दें। उनकी अस्वस्थता के बावजूद, वह हमेशा अपने भक्तों के साथ बने रहेंगे, और उनकी सेवा में कोई कमी नहीं आने देंगे।

कुल मिलाकर, प्रेमानंद महाराज का यह निर्णय उनकी सेहत, सुरक्षा और भक्तों की भलाई के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। रात्रि दर्शन पदयात्रा की लंबी और कठिन यात्रा को रोकने के बाद भी उनके भक्तों को उनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिलते रहेगा, और उनकी दिव्य उपस्थिति से वे हमेशा लाभान्वित होते रहेंगे।