मुंबई पुलिस ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर और अकाउंट डिपार्टमेंट के हेड रहे हितेश मेहता के खिलाफ ₹122 करोड़ के गबन का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि हितेश मेहता ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर बैंक की प्रभादेवी और गोरेगांव ब्रांच से यह भारी-भरकम रकम हेराफेरी की। इस घोटाले के चलते बैंक में डिपॉजिट और निकासी पर रोक लगा दी गई है।

घोटाले का खुलासा होते ही मामला आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दिया गया। पुलिस ने हितेश मेहता के खिलाफ धारा 316(5) और 61(2) कोड़ 2023 के तहत केस दर्ज किया है। इसके साथ ही, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी सख्त कार्रवाई करते हुए न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के बोर्ड को 12 महीने के लिए हटा दिया है।

डिपॉजिट और निकासी पर रोक, बैंक नहीं जारी कर सकेगा नया लोन

RBI ने नियमों के पालन में अनियमितता पाए जाने के बाद 13 जनवरी 2025 को बैंक में डिपॉजिट और निकासी पर रोक लगाने का आदेश दिया था। इस रोक के कारण अब बैंक कोई नया लोन भी जारी नहीं कर सकेगा। बैंक के ग्राहक इस फैसले से परेशान हैं और इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि उनका जमा पैसा कब मिलेगा।

नकदी संकट को देखते हुए RBI की सख्त कार्रवाई

RBI ने बैंक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए निर्देश दिया है कि ग्राहक अपने बचत खाते, चालू खाते या अन्य खातों से कोई भी रकम नहीं निकाल सकेंगे। हालांकि, वेतन, किराया और बिजली के बिल जैसे आवश्यक खर्चों की इजाजत दी गई है। आरबीआई के मुताबिक, बैंक की स्थिति की निगरानी जारी रखी जाएगी और जरूरत पड़ने पर प्रतिबंधों में संशोधन किया जा सकता है।

छह महीने तक प्रभावी रहेगा प्रतिबंध

आरबीआई द्वारा लगाया गया यह प्रतिबंध 13 फरवरी 2025 से प्रभावी रहेगा और अगले छह महीनों तक लागू रहेगा। इस दौरान बैंक की वित्तीय स्थिति पर लगातार नजर रखी जाएगी। अगर बैंक अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने में विफल रहता है, तो आरबीआई आगे और कड़े कदम उठा सकता है।

डिपॉजिटर्स को 5 लाख रुपये तक मिलेगा बीमा कवर

बैंक ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि योग्य जमाकर्ता (डिपॉजिटर्स) डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) से ₹5 लाख तक की राशि का क्लेम कर सकते हैं। यानी यदि किसी ग्राहक के खाते में 5 लाख रुपये या उससे कम जमा हैं, तो वह पूरी रकम वापस पाने का हकदार होगा। हालांकि, इससे अधिक रकम के लिए ग्राहकों को इंतजार करना पड़ सकता है।

मार्च 2024 तक बैंक में ₹2436 करोड़ की जमा राशि

मार्च 2024 के अंत तक न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के पास ₹2436 करोड़ की जमा राशि थी। इतनी बड़ी रकम के बावजूद, बैंक में वित्तीय अनियमितताओं और गबन की वजह से RBI को इस पर सख्त कदम उठाने पड़े। यह मामला एक बार फिर सहकारी बैंकों में हो रही गड़बड़ियों को उजागर करता है, जिससे जमाकर्ताओं का भरोसा कमजोर हो सकता है।

इस घोटाले की जांच तेज कर दी गई है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी चल रही है। अब देखना होगा कि ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा को लेकर सरकार और बैंकिंग नियामक क्या कदम उठाते हैं।

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