टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद की एक टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। शमा मोहम्मद ने चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए मैच के दौरान एक पोस्ट में रोहित शर्मा को ‘मोटा’ बताते हुए उन पर कटाक्ष किया। उन्होंने लिखा, “एक खिलाड़ी के लिए वह बहुत मोटे हैं। उन्हें वजन कम करने की जरूरत है! और निश्चित रूप से, भारत के सबसे अनइम्प्रेसिव कप्तान हैं।”

उनकी इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। प्रशंसकों ने रोहित शर्मा का समर्थन करते हुए उनके नेतृत्व में भारत की शानदार उपलब्धियों को गिनाया। लोग ‘हिटमैन’ के नाम से मशहूर रोहित शर्मा की कप्तानी के आंकड़े दिखाकर कांग्रेस नेता को करारा जवाब देने लगे।
बात यहीं नहीं रुकी, बल्कि इस विवाद में बीजेपी भी कूद पड़ी। सत्तारूढ़ पार्टी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या अब कांग्रेस चाहती है कि राहुल गांधी क्रिकेट खेलें? बीजेपी ने इस टिप्पणी को कांग्रेस की ‘राष्ट्रविरोधी मानसिकता’ करार दिया और कहा कि यह भारत के गौरवशाली खिलाड़ियों का अपमान है।
विवाद बढ़ता देख शमा मोहम्मद ने अपने सभी पोस्ट डिलीट कर दिए, लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर बहस चरम पर पहुंच चुकी थी। बीजेपी नेताओं और समर्थकों ने कांग्रेस की इस टिप्पणी को लेकर हमला जारी रखा।
कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि क्या किसी खिलाड़ी के शरीर के आकार या वजन पर टिप्पणी करना उचित है? खेल जगत के कई प्रशंसकों और विशेषज्ञों ने भी कांग्रेस प्रवक्ता की टिप्पणी की निंदा की। उन्होंने कहा कि खेल में किसी की फिटनेस और प्रदर्शन को लेकर बहस हो सकती है, लेकिन बॉडी शेमिंग करना अनुचित और अनैतिक है।
बीजेपी प्रवक्ताओं ने भी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी की यह मानसिकता उनके ‘राजनीतिक अपरिपक्वता’ को दर्शाती है। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “कांग्रेस को देश के गौरव रोहित शर्मा से माफी मांगनी चाहिए। वह न केवल एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं बल्कि एक शानदार कप्तान भी हैं।”
यह पहली बार नहीं है जब किसी खिलाड़ी पर इस तरह की व्यक्तिगत टिप्पणी की गई हो। पहले भी कई मशहूर खिलाड़ियों को बॉडी शेमिंग का सामना करना पड़ा है, लेकिन जब यह बयान एक राजनीतिक दल के वरिष्ठ प्रवक्ता की ओर से आता है, तो यह अधिक विवादास्पद हो जाता है।
कांग्रेस की ओर से अब तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन शमा मोहम्मद के ट्वीट्स हटाने से यह साफ है कि पार्टी को अपनी प्रवक्ता की टिप्पणी से असहजता महसूस हो रही है।

इस विवाद ने न केवल खेल और राजनीति को मिला दिया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि सोशल मीडिया पर की गई एक छोटी सी टिप्पणी कैसे बड़े विवाद का रूप ले सकती है।