ब्रिटेन में लासा फीवर के संभावित मामलों की जांच शुरू हो गई है, क्योंकि हाल ही में नाइजीरिया से यात्रा करके आए एक व्यक्ति में इस वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई थी। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) इस बात की जांच कर रही है कि क्या यह संक्रामक बीमारी ब्रिटेन में भी फैल चुकी है।

लासा फीवर क्या है?

लासा फीवर एक वायरल बीमारी है, जो लासा वायरस (Lassa Virus) के कारण होती है। यह बीमारी मुख्य रूप से अफ्रीकी देशों, खासकर नाइजीरिया, सिएरा लियोन, गिनी और लाइबेरिया में अधिक पाई जाती है। इस वायरस का संबंध एवोलावायरस परिवार से है और इसके लक्षण इबोला वायरस जैसी अन्य गंभीर वायरल बीमारियों से मिलते-जुलते हैं। लासा फीवर गंभीर मामलों में घातक हो सकता है और इसे एक संभावित महामारी के रूप में देखा जाता है।

संक्रमण का स्रोत और फैलने के तरीके

लासा फीवर का प्राथमिक स्रोत संक्रमित चूहे (Mastomys rodent) होते हैं। यह वायरस उनके मूत्र, मल या खून में पाया जाता है। यह संक्रमण मुख्य रूप से निम्नलिखित तरीकों से फैलता है:

  1. संक्रमित चूहों के संपर्क से: यदि कोई व्यक्ति लासा वायरस से संक्रमित चूहे के मूत्र, मल या लार के संपर्क में आता है, तो उसे यह संक्रमण हो सकता है।
  2. खाद्य पदार्थ या घरेलू सामान से: अगर संक्रमित चूहों के मल-मूत्र से दूषित भोजन या अन्य वस्तुओं का उपयोग किया जाता है, तो वायरस मानव शरीर में प्रवेश कर सकता है।
  3. संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में: लासा फीवर संक्रमित व्यक्ति के खून, लार, मूत्र, मल या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैल सकता है।
  4. अस्पतालों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए खतरा: बिना सुरक्षा उपकरणों के संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर, नर्स या अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।

लक्षण क्या हैं?

लासा फीवर के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। शुरुआत में सामान्य फ्लू जैसी स्थिति दिख सकती है, लेकिन गंभीर मामलों में यह जानलेवा साबित हो सकता है। आमतौर पर, लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 6 से 21 दिनों बाद विकसित होते हैं।

प्रमुख लक्षण:

  • तेज बुखार
  • सिरदर्द
  • कमजोरी और थकान
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
  • गले में खराश
  • उल्टी और दस्त
  • पेट दर्द
  • खांसी
  • चेहरे या शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन
  • कानों में सुनाई देना बंद हो जाना (कुछ मामलों में बहरापन)

गंभीर मामलों में:

  • आंतरिक रक्तस्राव
  • अंग विफलता (किडनी और लिवर प्रभावित हो सकते हैं)
  • शॉक और कोमा जैसी स्थिति

ब्रिटेन में खतरा और सावधानियां

यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उन सभी व्यक्तियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हो सकते हैं। संक्रमण को रोकने के लिए विशेष एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।

लासा फीवर की रोकथाम और बचाव के उपाय

  1. चूहों से बचाव: घरों को स्वच्छ और चूहों से मुक्त रखना बेहद जरूरी है। खाने-पीने की चीजों को सही तरीके से स्टोर करना चाहिए ताकि चूहे उन्हें दूषित न कर सकें।
  2. व्यक्तिगत स्वच्छता: हाथ धोना, साफ-सफाई का ध्यान रखना और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
  3. संक्रमित व्यक्तियों से दूरी: यदि किसी व्यक्ति में लासा फीवर के लक्षण दिखाई दें, तो उससे सुरक्षित दूरी बनाए रखना आवश्यक है।
  4. अस्पतालों में सुरक्षा उपाय: डॉक्टर और नर्सों को संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान सुरक्षा गियर (ग्लव्स, मास्क, प्रोटेक्टिव गाउन) पहनने चाहिए।
  5. यात्रा सावधानी: जिन देशों में लासा फीवर अधिक पाया जाता है, वहां यात्रा करने वालों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।

निष्कर्ष

लासा फीवर एक खतरनाक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से चूहों और संक्रमित व्यक्तियों के माध्यम से फैलता है। ब्रिटेन में इस बीमारी के संभावित मामलों की जांच चल रही है, जिससे वहां स्वास्थ्य एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इससे बचने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता, उचित सावधानियां और चिकित्सा सतर्कता जरूरी हैं। अगर समय पर पहचान और इलाज हो जाए, तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।

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