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"PM Modi to Address BIMSTEC Summit, Key Announcements Expected to Boost Regional Cooperation"

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज, 4 अप्रैल 2025 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित बिम्सटेक शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी से क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूत करने में भारत की भूमिका को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं करने की उम्मीद है। बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी क्षेत्रीय सहयोग और बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसमें दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के सात देश शामिल हैं।

बिम्सटेक की स्थापना 1997 में हुई थी, लेकिन संगठन को असली गति और दिशा 2016 के बाद मिली जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए व्यक्तिगत प्रयास किए। 2016 में गोवा में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक देशों के नेताओं को आमंत्रित किया और संगठन को आगे बढ़ाने के लिए कई ठोस कदम उठाए। इसके बाद, प्रधानमंत्री ने 2019 में अपने शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक नेताओं को आमंत्रित किया, जिससे इस संगठन की महत्ता और अधिक बढ़ी।

प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक के एजेंडे को न केवल आगे बढ़ाया, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग को नई दिशा दी। मोदी ने बिम्सटेक के माध्यम से बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की दिशा में कई पहल की हैं। उन्होंने “नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी” और “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” के तहत बिम्सटेक देशों के साथ अपने संबंधों को प्रगाढ़ किया और इस क्षेत्र के विकास में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया। इसके साथ ही, पीएम मोदी ने महासागर विजन और इंडो-पैसिफिक के लिए विजन को लेकर भी बिम्सटेक देशों के साथ सहयोग किया।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बिम्सटेक को एक मजबूत संस्थागत आधार भी मिला है। बिम्सटेक सचिवालय की स्थापना ने इस संगठन को संस्थागत दृष्टिकोण से एक नई दिशा दी है। मई 2024 में बिम्सटेक के चार्टर को अपनाया गया, जिससे संगठन को एक अंतरराष्ट्रीय व्यक्तित्व मिला और इसके मार्गदर्शक सिद्धांतों और बुनियादी संस्थागत आधार को स्थापित किया गया। भारत ने बिम्सटेक सचिवालय को 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान भी दिया, जिससे संगठन के कार्यों में गति आई और उसे एक ठोस संस्थागत ढांचा प्राप्त हुआ।

भारत ने बिम्सटेक सचिवालय के लिए राजनयिक इंद्र मणि पांडे को महासचिव नियुक्त किया, जो बहुपक्षीय मोर्चों पर काम करने का व्यापक अनुभव रखते हैं। उनके नेतृत्व में बिम्सटेक सचिवालय को नए आयाम मिले हैं और इसके काम में नई ऊर्जा और उद्देश्य की भावना आई है। इस प्रकार, बिम्सटेक ने पीएम मोदी के नेतृत्व में एक नई दिशा और गति प्राप्त की है और यह संगठन अब क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक मजबूत और गतिशील मंच बन चुका है।

प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व न केवल भारत की विदेश नीति को बल देता है, बल्कि बिम्सटेक के सदस्य देशों के लिए एक नए अवसर और दिशा का सूत्रपात करता है। इस सम्मेलन में पीएम मोदी से उम्मीद है कि वह बिम्सटेक के और अधिक सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं करेंगे, जो क्षेत्रीय सहयोग और आर्थिक प्रगति की दिशा में एक नया कदम होगा।

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