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"Tilak Varma Retired Out in IPL 2025: Mumbai Indians' Shocking Move Raises Eyebrows in LSG vs MI Clash"

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में शुक्रवार की रात खेला गया लखनऊ सुपरजायंट्स और मुंबई इंडियंस के बीच का मुकाबला ना सिर्फ रोमांचक रहा, बल्कि एक फैसले ने क्रिकेट जगत में बहस छेड़ दी। लखनऊ की टीम ने यह मैच 12 रन से अपने नाम किया, लेकिन चर्चा का असली केंद्र रहे मुंबई इंडियंस के युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा, जिन्हें टीम मैनेजमेंट ने ‘रिटायर्ड आउट’ कर मैदान से बाहर बुला लिया।

यह घटना तब हुई जब मैच में रोमांच अपने चरम पर था। मुंबई को जीत के लिए 7 गेंदों में 24 रन की दरकार थी, और क्रीज पर मौजूद थे तिलक वर्मा। लेकिन तिलक वर्मा ने 23 गेंदों पर सिर्फ 25 रन बनाए थे, जिनमें केवल 2 चौके शामिल थे। ऐसे में टीम प्रबंधन ने रणनीतिक फैसला लेते हुए उन्हें वापस बुला लिया और उनकी जगह मिचेल सैंटनर को मैदान पर भेजा, ताकि बड़े शॉट्स लगाए जा सकें। हालांकि, यह दांव सफल नहीं रहा और मुंबई को हार का सामना करना पड़ा।

तिलक वर्मा का इस तरह रिटायर्ड आउट होना IPL इतिहास की चौथी घटना है। इससे पहले 2022 में रविचंद्रन अश्विन, 2023 में अथर्व ताइडे और साई सुदर्शन भी इस तरह बाहर किए जा चुके हैं। लेकिन यह फैसला तब सबसे ज्यादा चौंकाता है जब खिलाड़ी की बल्लेबाज़ी में कोई स्पष्ट चोट या बाधा न हो, और उसे केवल रणनीतिक कारणों से हटाया जाए।

हालांकि, कप्तान हार्दिक पंड्या ने मैच के बाद इस फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा, “हमें उस वक्त बड़े शॉट्स की जरूरत थी और तिलक के बल्ले से वो निकल नहीं रहे थे। हम जीत के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे थे, और यह एक रणनीतिक फैसला था।”

लेकिन सवाल सिर्फ तिलक पर नहीं उठ रहे। विशेषज्ञों और फैंस ने हार्दिक पंड्या और सूर्यकुमार यादव की धीमी बल्लेबाज़ी पर भी उंगलियां उठाई हैं। सूर्यकुमार ने 43 गेंदों पर 67 रन बनाए, लेकिन अंतिम ओवरों में उनकी गति भी धीमी पड़ गई। हार्दिक भी देर से आक्रामक हुए और अंतिम ओवरों में उनका बल्ला शांत दिखा।

वहीं, तिलक वर्मा की प्रतिभा और संभावनाओं को देखते हुए यह फैसला कई लोगों को हजम नहीं हुआ। तिलक को ऐसे दबाव वाले मौकों पर खेलने का अनुभव देने के बजाय उन्हें बाहर बुला लेना कई लोगों को उनके आत्मविश्वास के लिए भी नुकसानदायक प्रतीत हो रहा है।

अब इस फैसले की गूंज आने वाले मैचों में भी सुनाई देगी, और यह देखना रोचक होगा कि तिलक इस घटना के बाद अपने खेल में कैसा बदलाव लाते हैं। क्या यह फैसला टीम को अगले मुकाबलों में सोच-समझकर रणनीति अपनाने के लिए प्रेरित करेगा? या फिर यह घटना तिलक के करियर का एक अहम मोड़ बन जाएगी?

एक बात तो तय है — IPL सिर्फ मैदान की लड़ाई नहीं, रणनीति की भी जंग है, और तिलक वर्मा की ‘रिटायर्ड आउट’ कहानी ने इस बात को फिर से साबित कर दिया है।

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