दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने NDTV को दिए एक विशेष इंटरव्यू में राजधानी को लेकर अपनी सोच, योजनाएं और संकल्प साझा किए। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ सत्ता में आने को उपलब्धि नहीं मानतीं, बल्कि असली उपलब्धि तब होगी जब वह वाकई में बदलाव ला पाएंगी। मुख्यमंत्री के रूप में उनका सपना है एक ऐसी दिल्ली का निर्माण करना, जहां आम नागरिक को रोजमर्रा की परेशानियों से निजात मिले, और एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिले।

रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रही है। राजधानी होते हुए भी यहां के नागरिक पानी, सीवर, सड़कों और ट्रैफिक जैसी दिक्कतों से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि जब भी किसी दिल्लीवासी से बात करो, सबसे पहली शिकायत पानी की होती है—या तो पानी आता नहीं है, या फिर गंदा आता है। सीवर लाइनों की स्थिति बेहद खराब है, सड़कों पर गड्ढे हैं, नालियां ओवरफ्लो हो रही हैं, जिससे रोज़ की ज़िंदगी अस्त-व्यस्त हो जाती है।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि बारिश के समय दिल्ली की स्थिति दयनीय हो जाती है। सड़कों पर जलभराव हो जाता है, ट्रैफिक पूरी तरह से जाम हो जाता है और लोगों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है। यह स्थिति एक वर्ल्ड क्लास राजधानी के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली का इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसा होना चाहिए, जो विश्व के बड़े शहरों की बराबरी कर सके, लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर है।

रेखा गुप्ता का मानना है कि विकसित दिल्ली की नींव सिर्फ ऊंची इमारतों या फ्लाईओवरों से नहीं पड़ेगी, बल्कि हर व्यक्ति को बुनियादी सुविधाएं—जैसे साफ पानी, अच्छी शिक्षा, बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं और स्वच्छ वातावरण—मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि झुग्गियों में रहने वाले लोगों को आज भी खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ता है। कई जगह महिलाओं के लिए नहाने तक की व्यवस्था नहीं है। यह बेहद चिंता का विषय है और इसका समाधान उनकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के विज़न का जिक्र करते हुए कहा कि वह उसी सोच के साथ दिल्ली को एक आधुनिक, सुसंस्कृत, और सर्वसुविधायुक्त राजधानी बनाना चाहती हैं। जहां समाज के हर वर्ग को समान अवसर मिले, जहां बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, और जहां पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और नागरिक सुविधा के हर पहलू में दिल्ली देश का नेतृत्व करे।

रेखा गुप्ता ने अपने संदेश में दिल्ली के लोगों से आग्रह किया कि वे उनके साथ मिलकर इस बदलाव का हिस्सा बनें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह सिर्फ वादे नहीं, बल्कि परिणाम देने के लिए आई हैं।

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