रियल एस्टेट पहले से मंदी की चपेट में है । नए कानून के बाद जमीन और मकानों के भावों में भारी गिरावट आने की संभावना है । सन 2014 के बाद रियल एस्टेट में 20 से 35 फीसदी की गिरावट आ चुकी है । अगले एक-दो साल में करीब 25 प्रतिशत की ओर गिरावट आ सकती है ।
इक्विटी डीमेट अकाउंट में सभी शेयरों का इंद्राज होता है । मान लीजिए दीपक कुमार का कोई डीमेट अकाउंट है तो उसके पास किस कम्पनी के कितने शेयर है, उसका पूरा ब्यौरा रहता है । उदाहरण के तौर पर दीपक के पास 140 शेयर रिलायंस, 218 एसबीआई और 250 शेयर सन फार्मा के है तो उसके डीमेट अकाउंट में पूर्ण विवरण दर्ज होगा । यदि दीपक ने 40 शेयर रिलायंस के बेच दिए तो उसके खाते में 100 शेयर ही इस कंपनी के शेष रहेंगे । यानी शेयरों का सारा हिसाब-किताब डीमेट अकाउंट में दर्ज होता है । डीमेट अकाउंट खुलवाए बिना कोई व्यक्ति शेयरों की खरीद-बिक्री नही कर सकता है ।
इसी प्रकार अब जमीन, मकान, दुकान, मॉल आदि का समूचा ब्यौरा डीमेट अकाउंट में दर्ज होगा । जिसका डीमेट अकाउंट नही होगा, वह व्यक्ति, फर्म या कम्पनी आदि जमीन/मकान/दुकान आदि की खरीद-फरोख्त नही कर सकती है । उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति के पास जयपुर में मकान, नोएडा में रिहायशी भूखण्ड, पूना में दुकान, गुड़गांव में वाणिज्यिक भूखण्ड है तो उन सभी का इंद्राज डीमेट अकाउंट में होगा । अगर किसी भूखण्ड या मकान आदि का इंद्राज डीमेट अकाउंट में नही है तो वह सम्पति गैर कानूनी समझी जाएगी । ऐसी सम्पति का लेन-देन करना अमान्य होगा ।
नए कानून में निर्धारित अवधि में खाली भूखण्ड का उपयोग नही करने पर जुर्माने का भी प्रावधान होगा । इसके अतिरिक्त जिन लोगो के पास बेनामी जमीन-जायदाद होगी, सरकार उसको जब्त कर लेगी । इन परिस्थितियों में नया कानून लागू होते ही रियल एस्टेट में मंदी का बहुत बड़ा भूचाल आने की संभावनाओं से इनकार नही किया जा सकता है ।
मोदी सरकार शीघ्र ही इस कानून को लागू करने पर विचार कर रही है