जैसा कि आपने कुछ दिन पहले खबरों में सुना ही होगा कि एक गर्भवती महिला की एक डॉ बंगाली द्वारा इंजेक्शन लगाने से मौत हो गयी थी,इस खबर को देखते हुए देहरादून में जब डॉ बंगाली पर नज़र डाली तो आइए आप भी सुनिए डॉ बंगालियो के कारनामे।
आपको ले चलते हैं देहरादून ISBT से मात्र 2 किलोमीटर दूर गोलमार्केट में बैठे हैं डॉ अमिताभ चौधरी, आपको बता दे कि बिना डिग्री व सर्टिफिकेट के कर रहे हैं सर्जरी ,अपने छोटे से क्लीनिक में ही मरीज को चढ़ा रहे हैं ग्लूकोज, आप तस्वीरों में देख सकते हैं,वही जब हमारी टीम ने बात की तो उन्होने साफ तौर पर इनकार कर दिया कि मेरे पास कोई सर्टिफिकेट नही है।
वही अब आपको ले चलते हैं ओगल भट्टा टर्नर रोड,डॉ उज्वल रॉय के पास,इन डॉ साहब के पास कोई भी डिग्री या सर्टिफिकेट नही है और ये महासए भी बेहिचक अपने क्लिनिक में एलोपैथिक दवा दे रहे हैं ग्लूकोज चढ़ा रहे है।
अब आपको ले चलते है C-24 मोरोवाला टर्नर रोड डॉ सुजीत के पास , इनके पास भी कोई सर्टिफिकेट या डिग्री नही हैं ओर अपना शानदार क्लिनिक चला रहे हैं। ऊपर से इन डॉ के पास कोई डिग्री नही और इतनी अकड़ में कह रहे हैं बंद कर दो हमारा क्लिनिक,इतनी अकड़ आखिर किसके दम पर है , अगर कल को कोई जान की हानि होती है तो कौन इसका जिमेदार होगा।
और आपको बता दे इन डॉ बंगालियों में आप देख सकते हैं इनको किसी प्रशासन स्वास्थ विभाग तक का कोई डर नही है, बिना डीग्री के कैसे मरीजो के साथ खेल रहे है, वही जब मरीज इन जैसे डॉ से अपनी तबियत ज्यादा खराब करवा लेते हैं तो वही हॉस्पिटल पहचकर मृतु को प्राप्त हो जाते हैं तो हॉस्पिटल और सर्टिफाइड डॉ पर इल्जाम लगाते हैं। स्वास्थ विभाग को भी अब नींद से जागना होगा ,या स्वस्थ विभाग भी इस इंतजार में है कि जैसे हल्दवानी में महिला की मृतु हुई वैसे ही यहां हो तब जागेगी।