उपलब्ध जल संसाधनों के एकीकृत उपयोग और योजना के साथ, उत्तराखंड ने 2047 तक राज्य में सिंचाई, कृषि और पेयजल जैसे सभी जल क्षेत्रों को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
यह बात बात प्रदेश के ग्रामीण निर्माण, पर्यटन,सिंचाई, लोक निर्माण, पंचायती राज, जलागम, धर्म एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मध्य प्रदेश स्थित भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हॉल (मिंटो हॉल), जहांगीराबाद में जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गुरूवार को 05-06 जनवरी, 2023 तक होने वाले जल विषय पर पहले अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों के सम्मेलन “जल दृष्टि@ 2047” विषय पर बोलते हुए अपने सम्बोधन में कही।
राज्य के कैबिनेट मंत्री श्री महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यमुना नदी पर 333 एमसीएम क्षमता के लखवाड़ बांध परियोजना के निर्माण को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया जारी है। एक अन्य 1.8 बीसीएम बहुउद्देश्यीय किशाऊ बांध परियोजना, यमुना टोंस की सहायक नदी पर प्रस्तावित है, जो पांच अन्य यमुना बेसिन राज्यों को सिंचाई और पेयजल लाभ प्रदान करेगी, पर भी अन्वेषण कार्य चल रहा है।
जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए प्रदेश में अब तक 10,589 वर्षा जल संचयन एवं जल संरक्षण कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं, जबकि जल शक्ति अभियान के अंतर्गत ‘कैच द रेन’ के अंतर्गत 5,114 कार्य प्रगति पर हैं। 2,844 जल निकायों के पुनरोद्धार का कार्य पूरा किया गया और 1,317 जल निकायों की बहाली का काम चल रहा है।
1267 चार्जिंग स्ट्रक्चर के निर्माण के साथ ही 409 चार्जिंग स्ट्रक्चर निर्माणाधीन हैं। 25765 Watershed Development विकास कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा 12518 Watershed Development विकास कार्य प्रगति पर हैं। 4702 हेक्टेयर भूमि पर सघन वनीकरण कार्य पूर्ण होने के बाद 3694 हेक्टेयर भूमि पर सघन वनीकरण कार्य चल रहा है। उपरोक्त के अतिरिक्त 1685 प्रस्तावित अमृत सरोवरों में से 990 अमृत सरोवरों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार पूर्ण हो चुका है तथा शेष 695 पर कार्य प्रगति पर है।