अमेरिका में बर्ड फ्लू से पहली मानव मृत्यु, एक्सपर्ट्स ने कहा: “वायरस जानलेवा हो सकता है”

अमेरिका में बर्ड फ्लू के कारण पहली बार एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है। 65 वर्ष से अधिक उम्र के इस मरीज को सांस संबंधित बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और यह अमेरिका में H5N1 वायरस के मानव संक्रमण का पहला गंभीर मामला था। लुइसियाना के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को इस मौत की जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार, मरीज को पहले से ही अन्य स्वास्थ्य समस्याएं थीं। अस्पताल में भर्ती होने के बाद, मरीज को H5N1 वायरस से संक्रमित पाया गया था।

यह वायरस आमतौर पर पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन अब इसके मनुष्यों में भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह भी कहा कि आम जनता के लिए वर्तमान पब्लिक हेल्थ रिस्क कम है, लेकिन जो लोग पक्षियों या मुर्गियों के साथ काम करते हैं, उन्हें अधिक खतरा हो सकता है। वहीं, लुइसियाना में H5N1 वायरस के अन्य संक्रमणों या मानव से मानव संक्रमण के कोई सबूत नहीं मिले हैं।

साइंटिस्ट्स की चिंता और वायरस की म्यूटेशन अमेरिका में अब तक 2024 की शुरुआत से H5N1 वायरस के 66 मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस जानलेवा हो सकता है और इसकी संक्रामकता बढ़ने की संभावना है। ब्राउन यूनिवर्सिटी की महामारी विशेषज्ञ, जेनिफर नुज़ो ने कहा कि यह वायरस पहले की तुलना में अधिक खतरनाक साबित हो सकता है।

क्या यह वायरस महामारी का कारण बन सकता है? सीडीसी ने बताया कि मरीज के शरीर में वायरस के जेनेटिक मॉडिफिकेशन पाए गए थे, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह वायरस मानव श्वसन प्रणाली में म्यूटेट हो सकता है। हालांकि, यह एकमात्र कारण नहीं है जो इसे मनुष्यों के बीच ज्यादा संक्रामक बना सकता है।

H5N1 का इतिहास और बढ़ते मामले H5N1 वायरस पहली बार 1996 में पाया गया था, लेकिन 2020 के बाद से पक्षी झुंडों में प्रकोप की संख्या में वृद्धि हुई है। महामारी के विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस भविष्य में महामारी का रूप ले सकता है।

यह भी ध्यान में रखा जा रहा है कि यह वायरस मनुष्यों में भी फैल सकता है, जिससे इसकी संक्रामकता और खतरनाक रूप से बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

अमेरिकी सरकार और स्वास्थ्य विभाग की दिशा संघीय सरकार ने H5N1 वायरस के खिलाफ निगरानी कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त 306 मिलियन डॉलर की राशि आवंटित की है। यह वायरस जल्द ही एक वैश्विक चिंता का कारण बन सकता है।

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