सर्दियों में इस वायरस के कारण होती हैं पेट की ये दिक्कतें, इन चीजों से बना लें दूरी, जानें इंफेक्शन से बचने के उपाय

सर्दियों के मौसम में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं सामने आती हैं, जिनमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) समस्याएं प्रमुख हैं। सर्दियों में पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं का सामना आम हो जाता है। सीके बिड़ला अस्पताल (आर), दिल्ली के जीआई और बैरिएट्रिक सर्जरी के निदेशक, डॉ. सुखविंदर सिंह सग्गू के अनुसार, सर्दियों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण के मामले बढ़ जाते हैं।

उन्होंने कहा, “सर्दियों के मौसम में कोल्ड कंडिशन में पनपने वाले वायरस, बैक्टीरिया और परजीवियों के कारण जीआई संक्रमण होते हैं। वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस या पेट फ्लू सबसे आम समस्या है, जो नोरोवायरस और रोटावायरस के कारण होती है। इन संक्रमणों का फैलाव दूषित भोजन, पानी या सतहों के माध्यम से होता है।”

डॉ. सग्गू ने इसके लक्षणों के बारे में भी बताया, जिसमें दस्त, उल्टी और पेट में क्रैम्प्स शामिल हैं। उन्होंने कहा, “सल्मोनेला या ई. कोली जैसे जीवाणु संक्रमण खराब भोजन से हो सकते हैं। वहीं, गियार्डियासिस जैसे संक्रमण गंदे पानी के सेवन से हो सकते हैं।”

इन समस्याओं से बचने के लिए डॉ. सग्गू ने कुछ महत्वपूर्ण उपाय साझा किए। उन्होंने कहा, “इन संक्रमणों को रोकने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोना चाहिए, खासकर भोजन तैयार करने से पहले और टॉयलट का उपयोग करने के बाद।”

इसके अलावा, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भोजन करते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाए। जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं को सही तापमान पर स्टोर करें। पानी से होने वाले संक्रमण से बचने के लिए फिल्टर किया हुआ पानी या उबला हुआ पानी पीना चाहिए।

डॉ. सग्गू ने यह भी कहा कि एक मजबूत इम्यून सिस्टम जीआई संक्रमण से बचने में मदद करता है। पेट का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए फलों, सब्जियों और प्रोबायोटिक्स से भरपूर बैलेंस डाइट को शामिल करें। इसके अलावा, हाइड्रेटेड रहना और पर्याप्त नींद लेना भी महत्वपूर्ण है।

उन्होंने यह भी बताया कि संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचें और व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा करने से बचें। जागरूकता और कुछ सरल उपायों के माध्यम से सर्दियों के दौरान जीआई संक्रमण के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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