कांस फिल्म फेस्टिवल 2025 में ऐश्वर्या राय बच्चन की पहली उपस्थिति ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस बार वह न सिर्फ एक खूबसूरत अभिनेत्री के रूप में, बल्कि भारत की सांस्कृतिक राजदूत के रूप में भी नज़र आईं। उनके पहनावे में सबसे ज्यादा जिस चीज़ ने सबका ध्यान खींचा, वह था उनके मांग में भरा हुआ गहरा लाल सिंदूर – एक साधारण सौंदर्य प्रसाधन से कहीं बढ़कर एक सशक्त संदेश।
ऐश्वर्या ने इस बार क्रीम रंग की सिल्क साड़ी पहनी थी, जिस पर एक महीन टिश्यू दुपट्टा डाला गया था। उनकी गरदन को लाल बेशकीमती रूबी के हार ने सजाया था। लेकिन इन सबके बावजूद जो चीज़ सबसे अलग और प्रभावशाली लगी, वह था उनका सिंदूर। यह केवल एक पारंपरिक भारतीय श्रृंगार का हिस्सा नहीं था, बल्कि एक प्रतीकात्मक बयान भी था – ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समर्थन का, जो हाल ही में भारतीय सरकार द्वारा शुरू किया गया है।

ऑपरेशन सिंदूर का सन्दर्भ और महत्व
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य न केवल आतंकी ताकतों को जवाब देना है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का सशक्त संदेश दुनिया को देना भी है। इस अभियान के अंतर्गत भारत ने 33 देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं, जो वहां भारत की स्थिति को स्पष्ट करेंगे और सांस्कृतिक चेतना फैलाएंगे।
ऐश्वर्या राय का कांस में सिंदूर लगाना इस अभियान से जुड़ा एक प्रतीकात्मक समर्थन माना जा सकता है। यह सिंदूर एक ओर जहां भारतीय नारी की परंपरा और गरिमा को दर्शाता है, वहीं यह भारत की सांस्कृतिक पहचान को भी विश्व पटल पर मजबूती से स्थापित करता है।
व्यक्तिगत जीवन पर भी संदेश
ऐश्वर्या का यह सिंदूर केवल राष्ट्रीय संदेश तक सीमित नहीं रहा। पिछले कुछ महीनों से उनके और अभिषेक बच्चन के रिश्ते को लेकर अफवाहें उड़ रही थीं – कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उनके अलगाव की अटकलें भी लगाई गईं। इस मौके पर ऐश्वर्या ने सार्वजनिक रूप से अपने विवाहित होने का संकेत देकर इन सभी अफवाहों को भी एक तरह से खारिज कर दिया। एक विवाहित स्त्री के रूप में उनका यह सिंदूर उनके व्यक्तिगत जीवन में स्थिरता और आत्मगौरव का प्रतीक भी बना।
संस्कृति और ग्लैमर का संगम
कांस जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर जहां ग्लैमर और फैशन के आधुनिक रूप देखने को मिलते हैं, वहां एक भारतीय अभिनेत्री का अपने पारंपरिक मूल्यों को इतने आत्मविश्वास के साथ प्रदर्शित करना अपने आप में प्रेरणादायक है। यह एक संदेश है कि आधुनिकता और परंपरा एक-दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।

ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपनी उपस्थिति से यह सिद्ध कर दिया कि वह केवल एक ग्लैमरस अभिनेत्री नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर की एक सशक्त प्रतिनिधि भी हैं। उनका यह सिंदूर नारीत्व, परंपरा, और राष्ट्रप्रेम – तीनों का प्रतीक बन गया। कांस के रेड कार्पेट पर यह केवल एक फैशन स्टेटमेंट नहीं था, यह था एक राष्ट्रीय और सांस्कृतिक घोषणा।