7 मई 2025 को भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ की गई एयरस्ट्राइक के बाद देशभर में चर्चा का माहौल बन गया है। इस कार्रवाई की जानकारी केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक में साझा की। इस बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे, जिसमें AIMIM प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी भाग लिया। ओवैसी ने इस बैठक के दौरान जो बातें कही, वे न सिर्फ चौंकाने वाली थीं बल्कि देशभक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उनकी गंभीरता को भी दर्शाती हैं।

ओवैसी ने बैठक में भारतीय सेना के साहसिक कदम की सराहना की और केंद्र सरकार की कार्रवाई को समयोचित बताया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार को सिर्फ 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के बाद रुकना नहीं चाहिए था, बल्कि पाकिस्तान में मौजूद बाकी सभी आतंकवादी शिविरों को भी खत्म करना चाहिए। उनका मानना है कि जब तक आतंकवाद की जड़ें पूरी तरह से नहीं काटी जाएंगी, तब तक भारत की सुरक्षा को खतरा बना रहेगा।
उन्होंने एक और अहम मुद्दा उठाया — द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ वैश्विक स्तर पर अभियान शुरू करने की मांग। TRF, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक छद्म संगठन है जो जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। ओवैसी ने कहा कि भारत को सिर्फ सीमित जवाबी कार्रवाई तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर TRF को आतंकी संगठन घोषित करवाने की दिशा में काम करना चाहिए।
NDTV से बातचीत में ओवैसी ने कहा कि भारत ने इस ऑपरेशन के जरिए स्पष्ट संदेश दिया है कि हम आतंक के खिलाफ बिल्कुल भी समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, न कि किसी रिहायशी इलाके या सैन्य ठिकानों को। यह हमारी नैतिकता और रणनीतिक सूझबूझ को दर्शाता है।
ओवैसी ने यह भी कहा कि हाफिज सईद के बेटे हाफिज अब्दुल रऊफ द्वारा पीओके में खुलेआम भारत के खिलाफ 2025 में ‘जिहाद’ की घोषणा करना एक बेहद खतरनाक संकेत है। ऐसे तत्वों को केवल बयानबाजी से नहीं, ठोस सैन्य और कूटनीतिक रणनीति से जवाब देना होगा।

इस पूरे घटनाक्रम में असदुद्दीन ओवैसी का रवैया कई लोगों के लिए अप्रत्याशित था, क्योंकि आमतौर पर वे सरकार की आलोचना के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इस बार उन्होंने न केवल सरकार के फैसलों का समर्थन किया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ और भी सख्त कदम उठाने की मांग की। उनका यह रुख कई देशवासियों के दिल को छू गया और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति एकजुटता का संदेश भी दिया।