दिल्ली मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर सार्वजनिक बैठक में हमला, आरोपी गिरफ्तार
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एक चौकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है। मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आवास पर आयोजित ‘जनसुनवाई’ के दौरान उनकी सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की गई। बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति, जिसकी उम्र लगभग 40 वर्ष के आस-पास है, जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री के पास गया और उन पर हमला कर दिया। मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए हमलावर को तुरंत पकड़ लिया और फिलहाल उससे पूछताछ जारी है।

मुख्यमंत्री को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत का चिकित्सकीय परीक्षण किया जा रहा है। घटना के बाद दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारी भी मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचकर सुरक्षा कड़ी कर दी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हमलावर की पहचान राजेश साक्रिया के रूप में हुई है, जो मूलतः गुजरात के राजकोट जिले के रहने वाले हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता प्रत्येक सप्ताह अपनी जनता के साथ प्रत्यक्ष संवाद के लिए ‘जनसुनवाई’ आयोजित करती हैं। यह बैठक नागरिकों की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए बनाई गई एक पहल है। इस हमले ने न केवल राजनीतिक गलियारों में बल्कि आम जनता में भी चिंता पैदा कर दी है। वरिष्ठ भाजपा नेता हरीश खुराना ने कहा, “बैठक में मौजूद एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पर हमला किया। फिलहाल डॉक्टर मुख्यमंत्री की जांच कर रहे हैं। हम इस हमले की निंदा करते हैं। यह देखा जाना चाहिए कि क्या यह हमला राजनीतिक रूप से प्रेरित था।”
सुरक्षा एजेंसियों ने घटना के तुरंत बाद हमलावर को हिरासत में ले लिया और उसके पीछे की वजहों की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि हमलावर की मानसिक स्थिति और उसके पिछले रिकॉर्ड की भी पड़ताल की जा रही है। मुख्यमंत्री के आवास पर सुरक्षा को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं और सभी संभावित खतरों का मूल्यांकन किया जा रहा है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि जनसुनवाई जैसी सार्वजनिक बैठकों में सुरक्षा को और अधिक सख्त बनाना जरूरी है। ऐसी घटनाएं केवल शारीरिक हमले का मामला नहीं होती, बल्कि यह राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा की चूक का संकेत भी देती हैं। दिल्ली सरकार ने सभी नागरिकों से शांत रहने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की इस हमले के बाद जनता और प्रशासन के बीच विश्वास बनाए रखने की चुनौती सामने आई है। इसके अलावा, हमले का राजनीतिक अर्थ निकालने की कोशिशें भी तेज हो गई हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री की सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है, और हमलावर के उद्देश्य की जांच जारी है।
इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सार्वजनिक पद पर रहने वाले नेताओं की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को न केवल सतर्क रहना होगा बल्कि सुरक्षा प्रोटोकॉल को और मजबूत बनाना होगा।
मुख्यमंत्री के अस्पताल में रहने के दौरान अधिकारियों ने नागरिकों से संयम बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने का अनुरोध किया है। दिल्ली सरकार ने भी इस हमले की न्यायिक और प्रशासनिक जांच का आदेश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
