“पाक को क्लीन चिट?” – ऑपरेशन सिंदूर पर संसद से पहले पी. चिदंबरम के बयान से बवाल, बीजेपी का पलटवार
नई दिल्ली: संसद में “ऑपरेशन सिंदूर” पर बहस से ठीक पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के एक बयान से राजनीतिक भूचाल आ गया है। एक इंटरव्यू में चिदंबरम ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल हमलावर “घरेलू आतंकी” भी हो सकते हैं, और उन्होंने यह सवाल उठाया कि किस आधार पर माना जा रहा है कि हमलावर पाकिस्तान से आए थे। उन्होंने कहा, “कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि हमलावर पाकिस्तान से आए थे।”

चिदंबरम ने ये बातें “द क्विंट” को दिए एक साक्षात्कार में कहीं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच से जुड़ी जानकारी साझा करने को तैयार नहीं है। उनके अनुसार, “क्या सरकार ने आतंकियों की पहचान की है? क्या यह बताया गया है कि वे कहां से आए थे? हो सकता है कि वे हमारे देश के ही आतंकी हों। यह क्यों मान लिया गया कि हमलावर पाकिस्तान से आए थे?”
इस बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस और खासकर चिदंबरम पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ताओं ने इसे “पाकिस्तान को क्लीन चिट देने की कोशिश” बताया और कहा कि चिदंबरम का यह बयान न सिर्फ सेना के मनोबल को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि यह राष्ट्रविरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “जब भी देश पर हमला होता है या कोई आतंकी घटना होती है, कांग्रेस नेताओं को पाकिस्तान का बचाव करने की जल्दी क्यों रहती है? यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के पूर्व गृहमंत्री ऐसे बयान दे रहे हैं, जो पाकिस्तान के नैरेटिव को ताकत देते हैं।”
पार्टी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस पार्टी आधिकारिक रूप से इस बयान के साथ खड़ी है, या यह चिदंबरम की व्यक्तिगत राय है। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से इस पर सफाई मांगी है।
चिदंबरम का बयान ऐसे समय पर आया है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्सा है। इस हमले में सुरक्षाबलों के जवानों समेत कई नागरिकों की जान गई थी। सरकार की ओर से दावा किया गया था कि हमलावर पाकिस्तान से सीमा पार कर आए थे और इस पूरे हमले की योजना पाकिस्तान स्थित आतंकी गुटों ने बनाई थी।
हालांकि चिदंबरम का कहना है कि जब तक कोई आधिकारिक और सार्वजनिक सबूत सामने नहीं लाया जाता, तब तक पाकिस्तान को दोष देना जल्दबाज़ी है।

यह बयान संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान विपक्ष और सरकार के बीच और भी तीखी बहस की भूमिका तय कर चुका है। देखना होगा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी क्या रुख अपनाती है और चिदंबरम अपने बयान पर कायम रहते हैं या कोई स्पष्टीकरण देते हैं।