लखनऊ में एनडीटीवी द्वारा आयोजित ‘महाकुम्भ संवाद’ कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। जब उनसे संभल के विषय में पूछा गया, तो उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक और धार्मिक सच्चाई बताते हुए कहा कि संभल श्री हरि विष्णु के दसवें अवतार की भूमि है, और यह तथ्य पुराणों में भी पाया जाता है।
सीएम योगी ने कहा, “आइन-ए-अकबरी में अबुल फजल ने खुद लिखा है कि मीर बाकी ने 1526 में श्री विष्णु का मंदिर तोड़कर मस्जिद जैसा ढांचा बनवाया।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पुराणों का इतिहास 3500 से 5000 साल पुराना है और उनमें ही यह उल्लेखित है कि श्री विष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा।
सीएम ने यह भी सवाल किया कि अगर मीर बाकी ने 1526 में संभल में और 1528 में अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर तोड़ा, तो इसका क्या मतलब है? यह सिद्ध करता है कि 16वीं सदी में इन मंदिरों की लोगों में गहरी आस्था थी और पुरातात्विक प्रमाण इसकी पुष्टि करते हैं कि यहां पुराने मंदिरों को तोड़ा गया था।
सस्ती लोकप्रियता के लिए पीआईएल फाइल करना गलत – सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने इसके बाद सस्ती लोकप्रियता के लिए पीआईएल (पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन) दायर करने पर भी अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह तरीका गलत है और लोगों को सही मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। सीएम योगी ने कहा, “सत्य एक दिन सामने आता है, और संभल का सच भी सामने आ रहा है।”
सनातन धर्म की तुलना अन्य धर्मों से करना गलत – सीएम योगी
वहीं सनातन धर्म के बारे में पूछे गए सवाल पर सीएम ने कहा, “सनातन धर्म की तुलना किसी भी अन्य धर्म से करना उसका अवमूल्यन करना है। इसमें सैकड़ों पंथ और संप्रदाय हैं, जिनकी अपनी पूजा विधियां हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी धर्म की आस्था पर सरकार का हस्तक्षेप होता है तो इससे अव्यवस्था फैल सकती है।
नादानी में कुछ लोग उठा रहे मुद्दे – सीएम योगी
सीएम ने कहा कि जो लोग इस तरह के मुद्दे उठा रहे हैं, उन्हें असलियत का कोई समझ नहीं है। वे सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं और उन्हें सनातन धर्म के मूल्यों को समझने की जरूरत है।