तीन दिवसीय ज्योतिष शिविर मैं देश विदेश से आए ज्योतिषाचार्यो ने विभिन्न विषयों पर जानकारी दी और एक दूसरे से अनुभव साझा किए। इस अवसर पर विभिन्न विधाओं के ज्योतिषियों ने अपनी विधाओं के बारे में जानकारी दी और ज्योतिष पर हो रहे शोध पर चर्चा की।


इस शिविर में देश विदेश के लगभग 100 ज्योतिषाचार्यो ने प्रतिभाग किया और ज्योतिष के बारे में जिस प्रकार की भ्रांतियां समाज में फैल रही है और ग्रहों के प्रभाव मनुष्य पर किस प्रकार से होते हैं, इसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई सम्मेलन में भारत के विभिन्न राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित बांग्लादेश श्रीलंका नेपाल आदि के ज्योतिषाचार्यो ने भाग लिया।


इस अवसर पर सुमन कोहली ने बताया कि वास्तुशास्त्र का जीवन में बहुत बड़ा महत्व होता है पुराने समय में लोग घरों में रहते थे, अब फ्लैट में रहते हैं, घरों में लोगों के आंगन में तुलसी का पौधा होता था, साथ ही शौचालय बाहर होते थे, किचन भी अलग हुआ करते थे, जिससे जल और अग्नि का कार्य अलग-अलग होता था लेकिन अब किसी भी घर के आंगन में तुलसी का पौधा नहीं दिखाई देता है।


इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य नलिनी तिरखा तनेजा ने बताया कि उन्होंने ज्योतिष पर काफी शोध किया है और इस शिविर में आकर वे काफी प्रसन्न है उन्होंने कहा कि यहां पर देश विदेश से आए ज्योतिषाचार्यो मैं अपने विचारों से अवगत कराया है और उन्हें उम्मीद है कि भारत की सबसे प्राचीन संस्कृति और सभ्यता को बढ़ावा देने में यह सम्मेलन अति महत्वपूर्ण साबित होगा।

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