दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सरकारी आवास के नवीनीकरण पर रोक, 60 लाख रुपये का टेंडर रद्द

नई दिल्ली:
दिल्ली की नव-निर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण से संबंधित एक 60 लाख रुपये के टेंडर को प्रशासनिक कारणों से रद्द कर दिया गया है। यह जानकारी दिल्ली सरकार के सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) ने सोमवार को दी। यह निर्णय उस समय आया जब टेंडर खोलने की तारीख से मात्र तीन दिन पहले ही विभाग ने नोटिस जारी किया।

बताया जा रहा है कि यह टेंडर मुख्य रूप से विद्युत कार्यों से जुड़ा था, जिसमें 14 एयर कंडीशनर लगाने, 9 लाख रुपये मूल्य के टेलीविजन सेट, और 6 लाख रुपये की लाइट फिटिंग्स शामिल थीं। नवीनीकरण का यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री के निवास को आधुनिक और कार्यक्षम बनाने के लिए दिया गया था।

रेखा गुप्ता, जो कि पहली बार विधायक बनी हैं और फरवरी 2025 में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री नियुक्त हुईं, उन्होंने कार्यभार संभालने के करीब 100 दिन बाद जाकर अपना आधिकारिक आवास प्राप्त किया। यह देरी भी चर्चा का विषय बनी रही।

उन्हें जून की शुरुआत में राजधानी दिल्ली के सिविल लाइन्स इलाके में स्थित राज निवास मार्ग पर एक बंगला आवंटित किया गया। साथ ही उनके कार्यकाल के दौरान उपयोग के लिए इसके साथ लगे अन्य सरकारी भवन भी उपलब्ध कराए गए हैं।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा उपयोग किए गए उसी बंगले को रहने के लिए लेने से इनकार कर दिया था। यह वही बंगला है जो पिछले कुछ वर्षों से विवादों में रहा है। बीजेपी ने उस बंगले को “शीशमहल” कहकर आलोचना की थी और केजरीवाल सरकार पर करोड़ों रुपये की जनता की कमाई खर्च कर दिखावटी और भव्य नवीनीकरण करवाने का आरोप लगाया था।

जानकारी के अनुसार, उस बंगले का क्षेत्रफल करीब 40,000 वर्ग गज तक बढ़ाया गया था, जिसमें चार अलग-अलग सरकारी भूखंडों का अवैध रूप से विलय किया गया था। अक्टूबर 2024 में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि वहां पर अत्यंत महंगे उपकरण और अत्यधिक भव्यता के साथ नवीनीकरण किया गया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।

रेखा गुप्ता द्वारा नया आवास चुनने और पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा इस्तेमाल किए गए बंगले को अस्वीकार करने को राजनीतिक दृष्टिकोण से एक अहम कदम माना जा रहा है। इससे उनकी छवि एक सादगीपूर्ण और जिम्मेदार नेता के रूप में उभर रही है, जो पिछली सरकार की आलोचना के बीच खुद को एक अलग पहचान देना चाहती हैं।

फिलहाल, उनके नए आवास पर नवीनीकरण कार्य पर रोक लग गई है और इस पर आगे क्या निर्णय होगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।

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