दिल्ली शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला: केजरीवाल और सिसोदिया पर गिरेगी गाज
दिल्ली शराब घोटाला (Delhi Liquor Scam) मामला एक बार फिर तूल पकड़ रहा है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। इस निर्णय के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) इन नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ा सकेगी।
ईडी ने केजरीवाल को बताया ‘किंगपिन’
ईडी ने अपनी जांच में अरविंद केजरीवाल को इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड और किंगपिन बताया है। जांच एजेंसी का दावा है कि केजरीवाल और सिसोदिया ने 2021-22 की आबकारी नीति में बदलाव कर “साउथ लॉबी” के फायदे के लिए रास्ता तैयार किया। इसके बदले साउथ लॉबी से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है।
जांच एजेंसी के अनुसार, इस घोटाले में मिली रिश्वत का 45 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी (AAP) ने गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए खर्च किया। ईडी ने इस मामले में पहले ही चार्जशीट (Charge Sheet) दाखिल की है और इसमें केजरीवाल और सिसोदिया का नाम प्रमुख रूप से शामिल है।
कोर्ट का आदेश और गृह मंत्रालय की मंजूरी
पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में कहा था कि किसी भी पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अथॉरिटी से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। ईडी ने इसी आदेश के तहत गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी थी। अब इस मंजूरी के बाद ईडी कानूनी कार्रवाई तेज कर सकती है।
AAP और केजरीवाल पर बढ़ा दबाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले यह मामला आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। चुनाव 5 फरवरी को होने हैं और सभी पार्टियां प्रचार में जुटी हैं। इस बीच, केजरीवाल और सिसोदिया पर लगे आरोप पार्टी की छवि पर असर डाल सकते हैं।
आप ने हालांकि इन आरोपों को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी का कहना है कि अब तक ईडी को शराब नीति मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। लेकिन चार्जशीट में दर्ज दावों और गृह मंत्रालय की अनुमति से यह मामला चुनावी माहौल में पार्टी के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
क्या है आरोप?
जांच एजेंसी का कहना है कि केजरीवाल और सिसोदिया ने शराब नीति में बदलाव कर साउथ लॉबी को फायदा पहुंचाया, जिससे 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। ईडी का दावा है कि यह धनराशि चुनावी फंडिंग के लिए इस्तेमाल की गई।
चुनावी माहौल में असर
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले का असर चुनावी समीकरणों पर पड़ सकता है। विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोल सकते हैं। वहीं, आप के लिए यह एक कठिन समय हो सकता है, क्योंकि पार्टी ने हाल ही में अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है और प्रचार अभियान में जुटी है।
अब देखना यह है कि यह मामला राजनीतिक और कानूनी मोर्चे पर क्या मोड़ लेता है और इसका दिल्ली चुनाव पर क्या असर पड़ता है।