विंटर लाइन कार्निवाल के तहत शहीद स्थल झूला घर पर गढ़वाल सभा द्वारा पारंपरिक वेशभूषा में लोक नृत्य किया गया जिसे स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों ने भी खूब सराहा साथ ही पहाड़ी वेशभूषा में वहां मौजूद महिलाओं के साथ जमकर फोटो खिंचवाई वही जीतू बगड्वाल की प्रेम कथा पर आधारित नृत्य नाटिका का भी मंचन किया गया जिसमें जीतू बगड्वाल और भरना की प्रेम कथा का वर्णन किया गया।
विंटर लाइन कार्निवल की अध्यक्षा और जिलाधिकारी डॉक्टर सोनिका सिंह ने कहा कि स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों को भी कार्यक्रम बेहद पसंद आ रहे हैं और आने वाले समय में इस भव्य रूप दिया जाएगा
इस मौके पर गढ़वाल महासभा के सदस्य अनिल गोदियाल ने बताया कि लोकगीत और लोक नृत्य के साथ ही पारंपरिक वेशभूषा में मौजूद महिलाओं ने गढ़वाल की लोक संस्कृति को आम लोगों तक पहुंचाने का सार्थक प्रयास किया है जिसे पर्यटकों द्वारा भी काफी पसंद किया गया है।
इस मौके पर नमिता कुमाई ने कहा कि विंटर लाइन कार्निवाल का उन्हें वर्ष पर इंतजार रहता है और गढ़वाल सभा द्वारा इस दौरान गढ़वाल की लोक संस्कृति को प्रस्तुत किया जाता है साथ ही स्टॉल लगाकर पहाड़ी व्यंजन भी परोसे जाते हैं
गढ़वाली फिल्मों के निर्देशक प्रदीप भंडारी ने कहा कि जीतू बगड्वाल की कथा हीर रांझा और लैला मजनू जैसी है जिसे आज नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।