रुद्रप्रयाग, घिमतोली में ग्राफिक इरा विश्वविद्यालय देहरादून द्वारा सतत विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट), पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ (इको सिस्टम सर्विस), जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय सुधार एवं पारंपरिक कृषि विज्ञान एवं विकास कार्य हेतु अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया है ।

यह अनुसंधान केंद्र इस क्षेत्र में विकास के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित होगा ताकि इस क्षेत्र के बच्चों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया जा सके । साथ ही रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध हो सकें।

यह केंद्र सामुदायिक जन भागीदारी के माध्यम से लोगों तक अपनी विभिन्न योजनाओं को पहुँचाने के साथ-साथ उन्हें बेहतर तरीक़े से उपलब्ध कराने में मदद करेगा और उन्हें स्वरोजगार के नए आयाम प्रदान करने में सहायक साबित होगा ।

इस अनुसंधान केंद्र में ग्राफिक इरा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शोधकर्ता अपने शोध कार्य के माध्यम से इस क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन करते हुए इस क्षेत्र को विकसित करने में सहयोग करेंगे । साथ ही इस अनुसंधान केंद्र को विश्व स्तरीय बनाने की दिशा में कार्य किया जा सके जिससे इस क्षेत्र में विकास के लिए आवश्यक संसाधनों का सृजन हो सके।

इस अनुसंधान केंद्र का निर्देशन डा. वी. पी. उनियाल के मार्गदर्शन में कार्यान्वित होगा।
डा. उनियाल भारतीय वन्य जीव संस्थान के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं, वर्तमान में ग्राफिक इरा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं ।

डा. उनियाल राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं जिन्हें हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरणीय प्रभावों पर अनुसंधान के लिए कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों एवं अनुसंधान संस्थानों द्वारा सम्मानित किया गया है ।

डा. उनियाल के साथ ग्राफिक इरा विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डा. मनु पंत भी इस अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञ के रूप में विभिन्न परियोजनाओं में मार्गदर्शन करेंगी ।

ग्राफिक इरा विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ. कमल घनसाला के इस पहल और विजन को लेकर इस क्षेत्र की जनता में ख़ासा उत्साह एवं ख़ुशी के साथ-साथ यहाँ के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिये भी सकारात्मक संदेश के साथ जनता ने अपना धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया है ।

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